शलगम की सब्जी बीमारों को निस्संकोच खिला सकते हैं। कच्ची शलगम खाने से दस्त साफ हो जाते हैं।
बिवाइयाँ (Chilblains) – शलगम को उबालकर उसके पानी से बिवाइयों को धोयें। फिर उस पर शलगम रगड़ें। रात को ऐसा करके बिवाइयों पर कपड़ा लपेट दें। इससे बिवाइयाँ ठीक हो जाती हैं।
मधुमेह – इसके रोगी को शलगम की सब्जी नित्य खानी चाहिए।
पेशाब रुक-रुक कर आने पर एक शलगम और एक मूली कच्ची ही काटकर मिलाकर खानी चाहिए।
मसूढ़ों और दाँतों के रोग शलगम को कच्ची चबा-चबाकर खाने से ठीक हो जाते हैं तथा दाँत साफ रहते हैं।
ठण्ड से अँगुलियों को सूजन – 50 ग्राम शलगम एक किलो पानी में उबालें। फिर इस पानी में हाथ-पैर रखने से अँगुलियों की सूजन दूर हो जाती है।
दमा – शलगम, बन्दगोभी, गाजर और सेम (बालोल) का रस मिलाकर सुबह-शाम दो सप्ताह तक पीने से लाभ होता है।
दमा, खाँसी, गला बैठना – शलगम को पानी में उबालकर इस पानी को छानकर शक्कर मिलाकर पीने से लाभ होता है।
गला बैठना, गाने और भाषण देने वालों के लिए शलगम का साग लाभदायक है।