व्यापक-लक्षण तथा मुख्य-रोग
(i) अत्यन्त भुलक्कड़पना
(ii) रति-क्रिया की उत्कट इच्छा बाद अच्छा लगना किन्तु नपुंसकता
(iii) स्त्री-जननांग में असह्य खुजली
(iv) मीठा पसीना; पसीने के बाद अच्छा लगना
(v) धूम्रपान की इच्छा को दूर करता है
अत्यन्त भुलक्कड़पन का होम्योपैथिक दवा
रोगी अत्यन्त भुलक्कड़ होता है। जो काम कर चुका हो उस पर फिर सोचने लगता है कि किया या नहीं; दरवाजा बन्द कर चुका है किन्तु लौट कर फिर ख्याल आता है कि बन्द किया या नहीं और फिर जाकर दरवाजे की कुण्डी को हाथ लगाकर इतमिनान करता है। जिस चीज का निश्चय करना हो उसे बार-बार जाकर, देखकर, हाथ लगाकर निश्चय करता है और वापस लौटने पर फिर अनिश्चित-का-अनिश्चित बना रहता है। यह तो तब है, जब जो-कुछ उसने स्वयं किया है उसके विषय में मन में अनिश्चय ही बना रहता है। कैलेडियम से इस प्रकार की मन की अनिश्चित-अवस्था, भुलक्कड़पना दूर हो जाता है। यह अवस्था गवादीपन या पागलपन तक पहुँच सकती है। ऐसी हालत आ जाने पर रोगी सारे दिन बैठा-बैठा यही सोचा करता है कि जो काम वह कर चुका है या हो जाने चाहिये थे, वे उसने किये या नहीं किये, वे हुए या नहीं हुए। मन की इस प्रकार की दुर्बलता इसमें आ जाती है। जितना ही वह किसी विषय पर मन केन्द्रित करना चाहता है उतना ही मन उस पर केन्द्रित नहीं हो पाता।
रति-क्रिया की उत्कट इच्छा किन्तु नपुंसकता का होम्योपैथिक दवा
मन की इस प्रकार की दुर्बलता प्राय: व्यभिचारियों में, हस्त-मैथुन करनेवालों में पायी जाती है। कैलेडियम के रोगी का मन अत्यन्त विषयासक्त होता है। उसमें स्त्री-प्रसंग की उत्कट इच्छा होती है, परन्तु मैथुन के प्रति असमर्थता होती है। स्त्री का आलिंगन करता है, परन्तु उत्तेजना नहीं हो पाती। ऐसे लोग सड़क के किनारे खड़े हुए आती-जाती ललनाओं की ओर ताका करते हैं, उनका वीर्य रिसता रहता है। ऐसे रोगियों का इलाज न करना ही ठीक है क्योंकि जब तक वे स्वयं इस रोग से मुक्त न होना चाहें उन्हें कोई ठीक नहीं कर सकता। यह तो इच्छा-शक्ति को सुधारने का प्रश्न है। ऐसे व्यभिचारी-विचारों से ग्रस्त रात भर उलटा-पलटा करते हैं। पुरुषों की जननेन्द्रिय की शिथिलता को कैलेडियम, पिकरिक ऐसिड तथा सिलेनियम दूर करते हैं। अर्ध-निद्रित अवस्था में उत्तेजना होती है, परन्तु आँख खुलते ही इन्द्रिय शिथल हो जाती है। थूजा भी इसे ठीक कर देता है।
स्त्री-जननांग में असह्य खुजली का होम्योपैथिक दवा
इस औषधि का एक विशेष-लक्षण स्त्री के जननांगों की खुजली है। प्राय: गर्भावस्था में ऐसा होता है। इतनी खुजली मचती है कि वह सो नहीं सकती। इस खुजली के कारण उसकी काम-चेष्टा बढ़ जाती है, वह शरीर तथा मन से कमजोर हो जाती है। ,
मीठा पसीना का होम्योपैथिक दवा
रोगी को मीठा पसीना आता है। यहां तक कि मक्खियां उस मिठास के लिये उसकी तरफ़ खिंच आती हैं। पसीना आने से रोगी को आराम मिलता है।
धूम्रपान की इच्छा को दूर करता है
लीडम विस्की के प्रति तथा कैलेडियम धूम्रपान की इच्छा के प्रति अरुचि पैदा कर देता है, तम्बाकू खाने की आदत को भी छुड़ा देता है। धूम्रपान से रोग बढ़ता है।
शक्ति – 6, 30, 200