गुदा-प्रदेश की खुजली में लक्षणानुसार निम्नलिखित औषधियाँ लाभकर हैं –
एण्टिम-क्रूड 6 – जलनयुक्त खुजली तथा रात के समय गुदा में चिरमिराहट के लक्षणों में दें।
इग्नेशिया 200 – गुदा में तीव्र खुजली तथा गुदा में कीड़ों के चलने जैसी अनुभूति होने के लक्षणों में दें।
रेडियम-ब्रोम 30 – गुदा-प्रदेश की खुजली तथा सम्पूर्ण शरीर में खुजली एवं त्वचा में आग लगने जैसी जलन का अनुभव होने के लक्षणों में ।
एलूमिना 6, 30 – गुदा में पिन चुभने जैसा अनुभव एवं खुजली सहित जलन के लक्षणों में ।
ऐम्ब्रा-ग्रीसिया 3, 6 – गुदा-प्रदेश, स्त्री-जननांग, पुरुष-जननेद्रिय तथा अण्डकोषों की खुजली, बाँहों का सो जाना तथा त्वचा का सुन्न पड़ जाना – इन सब उपसर्गों में लाभ करती है । इसे हर 8 घण्टे बाद देना चाहिए ।
नाइट्रिक-एसिड 6 – खुली हवा में चलने-फिरने तथा मल-त्याग के बाद गुदा में खुजली मचने के लक्षणों में ।
सिना 3 – कृमियों के कारण गुदा में खुजली पर यह बहुत लाभकारी है।
ट्युक्रियम 1, 6 – राउण्ड-वर्म के कारण गुदा-प्रदेश में खुजली होने में लाभकर है। राउण्ड-वर्म के लिए इस औषध की 1x शक्ति की 3 बूंदों को हर 8 घण्टे बाद देते रहने से वे नष्ट हो जाते हैं ।