ग्रन्थि (Glands) – किसी भी रस बनाने वाले यन्त्र को ‘ग्रन्थि’ गाँठ अर्थात् Glands कहते हैं । हमारे शरीर में 24,00,000 ग्रन्थियाँ पाई जाती हैं ।
(1) प्रणाली सहित ग्रंथियां Glands with Duct
(2) प्रणाली विहीन ग्रंथियां Ductless Glands
प्रणाली सहित ग्रंथियां
जिन ग्रन्थियों में प्रणाली (Duct) होती है उन्हें ‘प्रणाली सहित ग्रन्थियाँ’ कहते हैं। प्रणाली सहित ग्रन्थियों में से प्रणाली रस बहा करता है। ‘यकृत’ एक प्रणाली सहित ग्रन्थि है क्योंकि इसमें जो पित्त (Bile) बनता है, वह पित्त प्रणाली द्वारा आँत में चला जाता है ।
इन दो ग्रन्थियों के अतिरिक्त मानव शरीर में तीसरी प्रकार की ग्रंथियां (अन्त:स्त्रावी ग्रंथियां) और पाई जाती हैं ।
यकृत (Liver) – इसका बहि:स्राव पित्त (Bile) है । इसका अन्त:स्राव मधुरक (Glycogen) नाम की मधुर वस्तु और मूत्रक्षार (Urea) नाम की क्षार वस्तु से पूर्ण है – जो कि शिरा रक्त में मिलकर समस्त शरीर में संचरण करता है। इनमें यूरिया मूत्रसार वृक्कों द्वारा मूत्र के द्वारा निकाला जाता है।
अग्न्याशय (Pancreas) – इसका बहिःस्राव आग्नेय स्रोत (Pancreatic duct) से ग्रहणी में गिरता है । इसका अन्त: स्राव इन्सुलीन (Insulin) कहलाता है ।
वृषण ग्रन्थियां (Testes) – इसका बहि:स्राव शुक्र है, जो वीर्य वाहिनियों द्वारा निकलता है । वृषण ग्रन्थियों का आभ्यन्तर नि:स्राव सूक्ष्म और सर्व शरीर चर है ।
बीज कोष – स्त्री के बीज कोषों का बहिस्राव बीजार्तव है और इसका अन्त:स्त्राव सर्वशरीर में रक्त प्रवास में जाकर सारे शरीर में संचार करता है ।
प्रणाली विहीन ग्रन्थियां
जिन ग्रन्थियों में प्रणाली (Duct) नहीं होती, उन्हें प्रणाली विहीन ग्रन्थियां कहा जाता है। प्रणाली विहीन ग्रन्थियों से एक प्रकार का आन्तरिक रस (Internal secretion) उत्पन्न होता है जो सीधा अथवा लसीका वाहिनियों द्वारा रक्त में मिल जाता है । मानव शरीर में निम्नलिखित प्रणाली विहीन ग्रन्थियां पाई जाती हैं ।
1. क्लोम ग्रन्थि Pancreatic Gland
2. चुल्लिका ग्रन्थि Thyroid Gland
3. पीयूष ग्रन्थि Pituitary Gland
4. उपवृक्क ग्रन्थि Suprarenal Gland
5. प्लीहा (तिल्ली) Spleen
6. डिम्ब ग्रन्थि Ovary
7. अण्ड Testes
8. थाइमस Thymus Gland
9. उप चुल्लिका ग्रन्थि Parathyroid Gland
10. पनियल बॉडी Pineal Body