दिमागी-कमजोरी में निम्नलिखित औषधियाँ लक्षणानुसार लाभ करती हैं :-
इथूजा 3, 30 – कमजोर दिमाग वाले विद्यार्थियों के लिए यह औषध अत्युतम है। दिमाग का अत्यधिक बढ़ जाना, किसी विषय पर ध्यान न टिकना तथा परीक्षा से भय खाना – इन लक्षणों में हितकर है ।
पिकरिक-एसिड 3x, 30 – परीक्षा के लिए रात-दिन परिश्रम करने के कारण दिमाग में थकावट का आ जाना, परीक्षा में अनुत्तीर्ण होने का भय, दिमागी थकान के साथ कामोत्तेजना, ग्रीष्म ऋतु की थकान तथा दिमागी कमजोरी – इन सब लक्षणों में यह औषध लाभ करती है ।
ऐनाकार्डियम 6, 200 – दिमागी कमजोरी, स्मृति-शक्ति की क्षीणता, मन का थका-थका एवं भूला-भूला रहना, आत्म-विश्वास की कमी, सब इन्द्रियों का शिथिल हो जाना, शरीर के विभिन्न अंगों में डाट लगी होने जैसा अनुभव तथा वृद्धावस्था की दिमागी कमजोरी में लाभकर है ।
ऐसिड-फास 1x – इसे दिमागी कमजोरी की सर्वोत्तम औषध माना जाता है । युवावस्था में शरीर की बढ़न शीघ्रतापूर्वक होते हुए भी, आवश्यकता से अधिक शारीरिक अथवा मानसिक-परिश्रम करने के कारण शरीर का गिर जाना, बीमारी, वीर्य-क्षय अथवा दु:ख शोक के कारण आई हुई शारीरिक एवं दिमागी निर्बलता में यह औषध लाभ करती है ।
जिंक 6, अथवा जिंक-पिक्रिक 3 – स्मरण-शक्ति की कमी तथा बुद्धि का जड़ हो जाना – इन लक्षणों में प्रयोग करें ।
कैल्के-फॉस 6x वि० – तीव्र रोग अथवा घर-गृहस्थी के झंझटों के कारण दिमाग का कमजोर हो जाना – इन लक्षणों में हितकर है ।
सिलिका 6 – अधिक परिश्रम करने के कारण स्मरण-शक्ति का घट जाना, स्नायविक-दुर्बलता, पुराना सिर-दर्द, दिमागी कमजोरी तथा रोग के उपसर्गों का ठण्ड में बढ़ना एवं गर्मी से कम हो जाना-इन लक्षणों में प्रयोग करें ।