– पाचन शक्ति कमजोर हो जाने पर आहार अच्छी तरह नहीं पचता और उसमें सड़न होने लगती है। पाचन शक्ति में वृद्धि के लिए, जीरा, सोंठ, सेंधा नमक, पीपल, कालीमिर्च, सब समान मात्रा में लेकर पीस कर रख लें। एक चम्मच भोजन के बाद पानी से लें। भोजन शीघ्र पचने लगेगा।
– मूली की मुलायम फलियों को सरसों के तेल में भूनकर भोजन के साथ खाने से अन्न का पाचन शीघ्र होता है, भूख खुलकर लगने लगती हैं एवं जीभ का स्वाद भी बदल जाता है।
– खाना खाने के पश्चात् तरबूज का रस पीने से भोजन शीघ्र पच जाता है। इससे जठराग्नि तीव्र होती है खून बढ़ता है।
– पाचन शक्ति कमजोर होने के कारण भोजन अच्छी तरह नहीं पचता, जिससे मल में दुर्गध आने लगती है। ऐसी स्थिति में काली मिर्च, जीरा, सोंठ, सेंधा नमक, पीपल को समान मात्रा में लेकर पीस लें। प्रतिदिन भोजन के उपरान्त एक चम्मच पानी के साथ सेवन करें। इससे भोजन शीघ्र पचने लगेगा और पाचन क्रिया सही रहेगी।
– पाचन शक्ति बढ़ाने के लिये पीपल के फल छाया में सुखाकर प्रतिदिन 6 ग्राम दूध या पानी के साथ लेने से कुछ ही दिनों में आराम हो जाता है।
– मूंग, उड़द, चना आदि की दालें खाने के बाद सिरका सेवन करने से वे सुपाच्य हो जाती हैं।
– खाना अच्छी तरह से हजम हो इस हेतु काली मिर्च, सोंठ, पीपल, सेंधा नमक समान मात्रा में लेकर पीस लें एवं चूर्ण बनाकर रख लें। दोनों समय भोजन करने के बाद आधा-आधा चम्मच पानी से फंकी लें।
– 10 ग्राम सौंफ को 400 ग्राम जल में औटाकर आधा रहने पर भूना सुहागा 1 माशा, 250 ग्राम देशी खांड मिश्रित करके शर्बत तैयार कर लें। 2-3 ग्राम शर्बत यथा समय देते रहने से बच्चों की भूख बढ़ती है।
– भोजन करते समय दाल – सब्जी या सलाद आदि के साथ जरा-सा सिरका मिला लेने से भोजन शीघ्र पच जाता हैं।
– अजवायन का अर्क निकालकर पीने से वायु विकार मिट जाता हैं और पाचन किया सुचारू रूप से होती है।
– खाना खाने के पश्चात् इलायची चूसने से खाना शीघ्रता से पचता है।
पाचन समस्या के लिए बायोकेमिक/होमियोपैथिक इलाज
कल्केरिया-फॉस 30x – पेट में भारीपन, जलन, आँव मिले हरे अथवा अपच के दस्त, वमन में दूध की फुटकियाँ-सी निकलें, छाती में दर्द हो तो इसे प्रात:-सायं देना चाहिए।
काली-फॉस 30x – पेट में गुड़गुड़ाहट का शब्द हो, अफारा, सफेद दुर्गंधयुक्त दस्त, रुधिर के दस्त, पेचिश, पानी पीने या खाना खाने के बाद पेट में दर्द, रात्रि को अन्न की वमन, संग्रहणी आदि के लक्षणों में इसे देकर लाभ उठायें।
नैट्रम-सल्फ 30x – मुँह का स्वाद कड़वा, वमन कटु उबकाई आये, सिर में दर्द हो तो फेरम फॉस के साथ दें।
नेट्रम-फॉस 6x – खट्टी वमन, खट्टी डकारें, मुँह में खट्टा पानी आने पर उपयोगी।
काली म्यूर 6x – अजीर्ण, संग्रहणी, मिट्टी के रंग की भाँति दस्त, जीभ का रंग सफेद हो तो प्रति 3 दिन बाद रात के समय दें।
नैट्रम-म्यूर 12x व नैट्रम सल्फ 12x – मुँह में झागदार चूने के समान पानी निकलता हो, पेट खाली हो, परन्तु प्यास तीव्र लगती हो, तब इन्हें पर्यायक्रम से देना चाहिए।
नक्स-वोम 200 रात में व कार्बोवेज 30 तथा लाइको 30 दिन में एक-एक खुराक कुछ दिन तक लेने से पाचन सुधरता है।