पेट दर्द प्रायः अनियमित खानपान, प्रदूषित आहार-विहार तथा शीघ्रतापूर्वक भोजन करने के कारण होता है। इस रोग में पेट में भारीपन मालूम पड़ता है। अपान वायु तथा मल रुक जाते हैं। अपच, अजीर्ण, कब्ज, दस्त, बुखार, मिचली, उल्टी आदि उपसर्ग भी उत्पन्न हो सकते हैं।
पेट दर्द के घरेलू उपचार ( pet dard ka gharelu upchar )
अनार – अनार के दानों पर कालीमिर्च और नमक – दोनों डालकर चूसें। इससे पेट का दर्द बन्द हो जाता है।
छाछ – यदि खाली पेट होने के कारण पेट में दर्द हो, तो छाछ (मट्ठा) पीने से तत्काल लाभ होता है।
शहद – यदि किसी चीज को खाने से पेट में दर्द हो, तो कुछ दिनों तक शहद का सेवन करें। अवश्य लाभ होगा।
नीबू – 12 ग्राम नीबू का रस, 6 ग्राम अदरक का रस और 6 ग्राम शहद – इन तीनों को मिलाकर पीने से पेट दर्द ठीक हो जाता है।
काला नमक – नीबू की फांक में काला नमक, कालीमिर्च और जीरा भरकर गरम करके चूसने से पेट का दर्द एवं कृमि नष्ट हो जाते हैं।
पुदीना – पुदीना, जीरा, हींग, कालीमिर्च तथा काला नमक – इन सबको पीसकर पानी मिलाकर पीने से पेट दर्द में आराम होता है।
हींग – हींग को गरम पानी में घोलकर नाभि के आसपास लेप करें तथा बाजरे के एक दाने के बराबर भुनी हुई हींग किसी चीज के साथ खिलाएं। इससे पेट दर्द में काफी लाभ होता है।
यदि पेट दर्द वायु रुकने से हो, तो 2 ग्राम हींग को 500 ग्राम पानी में उबालें। चौथाई पानी रहने पर गरम-गरम पिला दें। पेट दर्द में लाभ होगा।
मूली – मूली के रस में काला नमक और काली मिर्च – दोनों डालकर – पिलाने से पेट का दर्द तत्काल ठीक हो जाता है।
राई – राई को पानी में पीस लें। फिर पेट पर मलमल का कपड़ा बिछाकर लेप करें। 10 मिनट बाद कपड़ा हटा दें। पेट दर्द में आश्चर्यजनक लाभ होगा।
जीरा – जीरा पीसकर शहद के साथ चाटने से पेट दर्द ठीक हो जाता है।
अजवायन – अजवायन 2 ग्राम और नमक 1 ग्राम – दोनों को गरम पानी के साथ देने से पेट दर्द बन्द हो जाता है।
सोंठ – पिसी हुई सोंठ 1 ग्राम, जरा-सी हींग और सेंधा नमक – तीनों की फंकी गरम पानी के साथ लेने से पेट दर्द ठीक हो जाता है।
सेंधा नमक – पिसी हुई सोंठ और सेंधा नमक को एक गिलास पानी में गरम करके पीने से पेट दर्द, कब्ज एवं अजीर्ण में लाभ होता है।
अमरूद – पेट दर्द में अमरूद की कोमल पत्तियां पीसकर पानी में मिलाकर पीने से तुरंत आराम मिलता है।
लहसुन – लहसुन का रस नमक के साथ पिलाने से पेट दर्द तत्काल ठीक हो जाता है। इससे वायु विकार में भी लाभ होता है।
धनिया – पेट दर्द में धनिया का शरबत पीना हितकारी है।
खरबूजा – खरबूजे के छिलके को जलाकर उसकी राख बना लें। फिर उसमे शहद मिलाकर 2 ग्राम के लगभग रोटी को चाटते रहने से पेट दर्द में तुरंत लाभ मिलता है। इसके सेवन से यकृत एवं प्लीहा के रोग भी ठीक हो जाते हैं।
सेंधा नमक – अदरक और और पुदीने के रस में थोड़ा सा सेंधा नमक मिलाकर सेवन करने से मरोड़ एवं पेट दर्द में काफी लाभ होता है।
करौंदा – करौंदे को सुखाकर इसका चूर्ण बना लें। फिर किंचित शक्कर मिलाकर सेवन करने से पेट दर्द जाता रहता है।
गेहूं – गेहूं के हरीरा में चीनी और बादाम का कल्क मिलाकर खाने से पेट दर्द में आराम मिलता है।
ज्वार – भुने ज्वार को बताशे के साथ 2-3 दिनों तक खाने से पेट की जलन और पेट दर्द में आराम मिलता है।
तिल – 20-25 ग्राम साफ तिल चबाकर ऊपर से गरम पानी पीने पर पेट दर्द ठीक हो जाता है।
तिलों को पीसकर लम्बा-सा गोला बनाकर उसे तवे पर गरम करके पेट के ऊपर फिराने से अत्यन्त कष्टदायी पेट दर्द भी शान्त हो जाता है।
छोटी इलायची – दो छोटी इलायची को पीसकर उसे शहद में मिलाकर चाटने से पेट का दर्द शांत हो जाता है।
दालचीनी – चौथाई चम्मच हींग तथा थोड़ी-सी दालचीनी – दोनों को पीसकर 350 ग्राम जल में मिला कर पी लें। पेट दर्द ठीक हो जाएगा।
कालीमिर्च – कालीमिर्च, सोंठ तथा हींग-तीनों को समान मात्रा में पीसकर गरम पानी के साथ आधा-आधा चम्मच रोज दो बार लेने से पेट दर्द दूर होता है।
सौंफ – वायु विकार के कारण उत्पन्न हुए पेट दर्द में सौंफ का काढ़ा पिएं। इसका प्रयोग करने से वक्षस्थल के अनेक रोगों से भी मुक्ति मिल जाती है।
लालमिर्च – लालमिर्च को पीसकर गुड़ में मिला लें। इसका सेवन करने से पेट दर्द में काफी लाभ होता है।
गुलाब – गुलाब पुष्प, सत इसबगोल, इलायची, सौंफ एवं मिश्री – इन सबको कूट-पीसकर चूर्ण बना लें। 5-5 ग्राम चूर्ण दिन में दो बार प्रयोग करने पर समस्त प्रकार के पेट दर्द दूर हो जाते हैं।
तुलसी – तुलसी एवं अदरक का रस – दोनों को समान अनुपात में मिला लें। फिर उसे गरम करके पीने से सभी प्रकार के पेट दर्द में लाभ होता है।
पीपल – पीपल के ताज़े हरे पत्ते को पीसकर गुड़ के साथ गोली बनाकर सेवन करने से पेट का दर्द दूर हो जाता है। यह ऐंठन तथा वायु विकार में भी लाभकारी है।