व्यापक-लक्षण तथा मुख्य-रोग | लक्षणों में कमी |
यह गहरी तथा दीर्घकालिक औषधि है | गर्मी से रोग में कमी |
हृदय से उठने वाले ऑरा के बाद मिर्गी का दौर | लक्षणों में वृद्धि |
जिधर लेटता है सिर-दर्द उससे दूसरी तरफ़ चली जाती है | सर्दी से रोग का बढ़ना |
(1) यह गहरी तथा दीर्घकालिक औषधि है – यह औषधि कैलकेरिया तथा आर्सेनिक के मेल से बनी है। उक्त दोनों औषधियां की क्रिया गहरी और देर तक रहने वाली होती है, इसलिये इसकी क्रिया भी गहरी और दीर्घकालिक है। इस प्रकृति का होने के कारण यह गहरी बीमारी को दूर करती है। इन गहरी बीमारियों में एक प्रकार की मिर्गी तथा एक विशेष प्रकार का सिर-दर्द है।
(2) हृदय से उठने वाले ऑरा के बाद मिर्गी का दौर – इस औषधि ने मिर्गी के पुराने रोगियों को, जो किसी औषधि से ठीक नहीं होते थे, रोग-मुक्त किया है। इस मिर्गी का लक्षण यह है कि दौर पड़ने से पहले रोगी अनुभव करता है कि हृदय से ऑरा उठ रहा है। ऑरा एक प्रकार का संवेदन है जो मृगी का रोगी अनुभव करता है। उसे ऐसा प्रतीत होता है कि मिर्गी का दौर पड़ने के समय हृदय से वायु की-सी एक लहर उठ रही है। इस लहर के उठने के बाद दौड़ पड़ जाता है। इसे यह औषधि ठीक कर देती है।
(3) रोगी जिधर लेटा है सिर-दर्द उससे दूसरी तरफ़ चला जाता है – इस औषधि का एक-विलक्षण-लक्षण यह है कि सिर-दर्द में रोगी जिस तरफ़ लेटता है, दर्द उससे दूसरी तरफ़ चला जाता है।
(4) शक्ति तथा प्रकृति – 6, 12, 30, 200 (औषधि ‘सर्द’ – Chily प्रकृति के लिये है)