यह ज्वर एक प्रकार का संक्रामक और महामारी के रूप में फैलने वाला ज्वर है। (यह ज्वर दक्षिण एशिया के समस्त देशों में पाया जाता है) इस ज्वर के उत्पन्न होने का भी कारण एक छोटा-सा कीटाणु है, जो मच्छर के काटने से मनुष्य के शरीर में प्रविष्ट होता है। ज्वर के आरम्भ काल में पहले सिर, आँखों और कमर में दर्द प्रारम्भ होता है, जिसके कारण रोगी बेचैन और कमजोर होता चला जाता है। तीसरे दिन हाथ-पाँव आदि पर लाल धब्बे निकल आते हैं, ज्वर तेज हो जाता है । ऐसी अवस्था 1-2 दिन रहकर धब्बे दूर हो जाते हैं और रोगी 2-4 दिन तक स्वस्थ प्रतीत होता है, परन्तु दोबारा ज्वर चढ़कर उपरोक्त तमाम लक्षण पुन: उत्पन्न हो जाते हैं। इस प्रकार 2-3 बार रोगी को इस ज्वर के ठहर-ठहर कर दौरे पड़ते हैं ।
रोग से सुरक्षा – इन मच्छरों के काटने से बचने के लिए दिन में भी मच्छरदानी लगाकर बैठें। यह मच्छर दिन के समय में ही काटते हैं । मच्छरों को दूर करने हेतु गन्धक की धूनी लगाना लाभकारी है ।
डेंगू ट्रीटमेंट और एलोपैथिक चिकित्सा
इस ज्वर की कोई चिकित्सा नहीं खोजी जा सकती है, केवल लाक्षणिक चिकित्सा की जाती है। इस रोग के प्रभाव से दस्त, पेचिश, यकृत-शोथ हो जाता है। इसमें कोई तीव्र विरेचन देना उचित नहीं है, यदि रोगी को सख्त कब्ज हो तो एनिमा दें । पीड़ित जोड़ों पर रिलेक्सिल मरहम, मैडी क्रीम, मूव, आयोडेक्स अथवा पीड़ानाशक कोई अन्य बाम आदि किसी की भी मालिश की जा सकती है । शरीर के विभिन्न अंगों के दर्दों तथा सिरदर्द को दूर करने के लिए नियोजीन टिकिया (निर्माता : ए एस. डी) दिन में तीन बार जल से खिलायें अथवा अमृतधारा चार बूंद, दो तोला शर्बत बनफशा के साथ दिन में 2 बार पिलायें । सिरदर्द दूर करने के लिए सिर पर गुलाबजल और सिरके में कपड़ा भिगोकर रखें । कमजोरी दूर करने के लिए कोई शक्तिवर्द्धक औषधि जैसे-बायर्स टॉनिक (निर्माता : बायर) को प्रतिदिन दें ।
विटामाइसेटिन (निर्माता : मैनर्स) – का आयु व रोगानुसार प्रयोग करें । नोट – रक्त के अभाव में इसका सेवन न करायें तथा इसके सेवन काल में विटामिन बी कॉम्प्लेक्स सीरप का अवश्य प्रयोग करें ।
केटिलान (हैक्स्ट कंपनी) – 250 मि.ग्रा. का 1 कैपसूल प्रत्येक 6 घण्टे के अन्तराल से दें तथा वायडेलिन सीरप (अब्वट कंपनी) आयु के अनुसार दें । बच्चों के लिए इसी नाम से पेडियाट्रिक सीरप आता है । यह बी कॉम्प्लेक्स का टॉनिक है।
अन्य औषधियों में डूरा सायक्लिन कैपसूल (यूनिकेम कंपनी), ओम्ना मायसिन इन्जेक्शन (हैक्स्ट कंपनी), टैबलेट माइक्रो पायरीन (निमोलस कंपनी) आदि का आयु व रोगानुसार प्रयोग किया जा सकता है ।
डेंगू में ब्लड प्लेटलेट्स की कमी हो जाती है। इससे लिए पपीता के पत्तों का रस दिन कई बार पिलाने से ब्लड प्लेटलेट्स बढ़ जाता है।