रक्त एक चिपचिपा पदार्थ है। यह रक्त वर्ण का होता है इसमें एक पीला सा तरल पदार्थ होता है जिसको प्लाज्मा (Plasma) कहते हैं। इसमें कण उपस्थित रहते हैं। इन कणों में निम्न पदार्थ होते हैं :-
(1) लाल कण (Red Cells – Erythrocytes)
(2) श्वेत कण (White Cells – Leukocytes)
(3) प्लेटलेट्स (Platelets – Thrombocytes)
(4) ब्लड डस्ट (Blood Dust – Haemokonia)
रक्त अपारदर्शक होता है तथा सभी मनुष्यों में एक समान रक्त नहीं होता है। किसी में कम होता है और किसी में अधिक होता है। साधारणत: शरीर के भार का 1/20 भाग के लगभग रक्त होता है। उदाहरणार्थ – यदि किसी मनुष्य का भार 60 किलो है तो उसके शरीर में 3 किलो के लगभग रक्त होगा ।
रक्त स्वाद में कुछ नमकीन होता है। इसका आपेक्षित गुरुत्व 1.055 (1055) से 1.062 (1062) .94 तक होता है। मानव शरीर के अन्दर इसका ताप 94.04 फारेनहाइट से (100 डिग्री फारेनहाइट) तक रहता है। किन्तु रोगों में यह ताप कम अथवा अधिक हो जाता है। रक्त की गन्ध एक विशिष्ट प्रकार की होती है । रक्त की प्रतिक्रिया इसमें उपस्थित सोडियम बाइकार्बोनेट के कारण क्षारीय होती है।
ब्लड प्लाज्मा (Blood Plasma) – इसे हिन्दी में रक्तवाही कहते हैं। रक्त का द्रव भाग ‘रक्त रस’ प्लाज्मा है । यह हल्के पीले रंग का तरल होता है। इसमें रक्त के रक्त कण और श्वेत कण तैरा करते हैं। इसमें 90% जलीयांश तथा शेष 10% घन भाग होता है, इसे इस प्रकार भी समझा जा सकता है कि – इसके 100 भाग में 90 भाग जल के और शेष 10 भाग में प्रोटीन, वसा, साधारण लवण, ओषजन, नेत्रजन, यूरिया, यूरिकाम्ल इत्यादि अनेक रासायनिक चीजें होती हैं। इसका आपेक्षित गुरुत्व 1.026 से 1.029 तक होता है। प्लाज्मा के घन भाग (10%) में निम्न रासायनिक चीजें होती हैं – प्रोटीन, वसा, काबोहाइड्रेट, लवण, यूरिया, यूरिक एसिड तथा क्रियेटिन।
इनके अतिरिक्त रक्त रस (Plasma) में कुछ हार्मोन भी होते हैं। साथ ही ऑक्सीजन, कार्बन डाई ऑक्साइड तथा नाइट्रोजन भी होती है।
शरीर के प्रधान संचालन केन्द्र मस्तिष्क में यदि रक्त का संचार कुछ क्षणों के लिए बन्द हो जाये तो शरीर का नाश निश्चित है। इसके अतिरिक्त रक्त के कुछ घटक ऐसे भी होते हैं जो रोगोत्पादक जीवाणु आदि बाहरी आक्रमणकारियों से शरीर की रक्षा करने के लिए प्रति क्षण तैयार रहते हैं तथा हर सम्भव उपाय द्वारा शरीर की रक्षा करने का प्रयत्न करते हैं। रक्त द्रव पदार्थ रक्त रस लसीका या प्लाज्मा एवं रक्त कणों से मिलकर बना है, 100 भाग रक्त में 60-65 भाग रक्तरस तथा 30-35 भाग रक्त कण रहते हैं। इसके अतिरिक्त कुछ प्लेटलेट भी शामिल रहते हैं।