दुबलापन रोग न होते हुए भी रोग की भाँति ही है क्योंकि दुबला व्यक्ति समाज में न केवल उपहास का पात्र बनता है बल्कि समय-समय पर भिन्नभिन्न कष्टों से घिरा रहता है। यहाँ पर इसी स्थिति का उपचार प्रस्तुत है।
अल्फाल्फा Q- इस दवा का नियमित सेवन करने से शरीर स्वस्थ व स्फूर्त होता है तथा स्वास्थ्य का विकास होता है ।
आमलकी Q- अत्यधिक दुवलापन के साथ कमजोरी भी होने पर इस दवा की 10-10 बूंद आधे कप पानी में मिलाकर प्रतिदिन 3 बार लेने से लाभ होता है। अधिक आवश्यकता होने पर जिनसेंग Q इसके साथ पर्यायक्रम से ली जा सकती है ।
अशोका Q- जिन स्त्रियों का शरीर जरायु संबंधी बीमारियों के कारण दुबला-पतला तथा कमजोर हो उन्हें यह दवा लेनी चाहिये । इस दवा से न केवल दुबलापन और कमजोरी दूर होती है बल्कि जरायु संबंधी समस्याओं, मासिक-धर्म से संबंधित समस्याओं, भूख न लगना, ज्वर बना रहना आदि में भी लाभ मिलता है।
कल्केरिया फॉस 6x- अगर किसी बच्चे का शारीरिक विकास सही प्रकार से न हो रहा हो तो उसे यह दवा प्रतिदिन तीन बार के हिसाब से कई दिनों तक देनी चाहिये । अगर बच्चे की हड्डियों का विकास भी न हो रहा हो तो इस दवा के साथ कल्केरिया फ्लोर 6x भी मिलाकर देनी चाहिये ।
दुर्बलतानाशक टॉनिक – अश्वगन्धा, एवेना सेटाइवा, अल्फाल्फा, कैरिका पेपेया- चारों दवाओं के मूल अकों को दो-दो ड्राम की मात्रा में लेकर मिला लें और किसी शीशी में भरकर रख लें । इस मिश्रण में से 10-10 बूंद दवा आधा कप स्वच्छ पानी में मिलाकर प्रतिदिन तीन बार लें । इस प्रकार लेने से प्रत्येक व्यक्ति (चाहे स्त्री हो या पुरुष) का शरीर पुष्ट, स्फूर्त और सबल बनता है । यह दवा लम्बे समय तक लेनी चाहिये ।
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