सिर दर्द के कारण
सिर दर्द कोई अलग प्रकार का रोग नहीं है, बल्कि अनेक रोगों का लक्षण है। इसलिए सिर दर्द के विभिन्न कारण माने जाते हैं। उदाहरण के लिए बुखार, सर्दी लगने, जुकाम, गर्मी की अधिकता, वायु के रोग, खून की कमी, दिमाग की कमजोरी, खून में खराबी, आंखों की कमजोरी, शरीर के किसी हिस्से में तकलीफ, रक्त-चाप, मधुमेह आदि तरह-तरह के रोगों के कारण सिर में दर्द हो सकता है। कई बार निरंतर तथा देर तक एक ही काम करने की वजह से भी सिर-दर्द हो जाता है। कुछ लोग एक ही वातावरण में काफी समय तक रहते हैं। अत: उनको सिर दर्द की शिकायत हो जाती है। मानसिक अस्वस्थता भी सिर दर्द को पैदा कर देती है। वायु बनाने वाली चीजों को अधिक खाने, दही, बर्फ आदि का अधिक सेवन करने के कारण, पित्त के बढ़ जाने के कारण भी सिर में दर्द होने लगता है। अगर गले में कफ, माथे में श्लेष्मा का पानी तथा शरीर में खून की कमी हो जाती है, तो भी सिर में दर्द उत्पन्न हो जाता है। जो लोग अधिक मात्रा में रूखी चीजें खाते हैं या जिनके शरीर में अनपचे भोजन के कारण वायु अधिक बनती है, उनकी वायु सिर की ओर चली जाती है और उनको आधे सिर में दर्द की बीमारी लग जाती है।
सिर दर्द के लक्षण
सिर का दर्द आदमी को बेचैन कर देता है। लगातार सिर में दर्द रहने के कारण ऐसा मालूम पड़ता है, मानो सिर फटा जा रहा हो। कभी-कभी उल्टियां भी शुरू हो जाती हैं। आधे सिर में दर्द प्रायः सूर्य निकलने के बाद शुरू हो जाता है। सूर्य छिपते ही दर्द कुछ कम हो जाता है, लेकिन माथे के दूसरी तरफ दर्द बढ़ जाता है।
सिर दर्द का घऱेलू और आयुर्वेदिक उपचार
- गाय या भैंस का शुद्ध घी माथे पर तथा पैरों के तलवों पर कम से कम 15-20 मिनट तक मलें, सिर दर्द रुक जाएगा।
- थोड़ी-सी सोंठ और दो लौंगें पीसकर माथे पर लगाएं। सूख जाने पर दोबारा लगाएं।
- लाल इलायची के छिलकों को सील पर पानी के साथ घिसकर माथे पर चंदन की तरह लगाना चाहिए।
- गाजर को कुचलकर उसका रस निकाल लें। फिर उसे गर्म करके दो बूंद कान में तथा दो-दो बूंद दोनों नथुनों में डालें।
- सिरस के फूलों को देर तक सूंघने से सिर का दर्द कम हो जाता है।
- नाक के नथुनों में दो-दो बूंद सरसों का तेल डालकर नाक को सुड़कें। तेल तथा शलेष्मा मुंह में आ जाएगा। उसे थूक दें। थोड़ी देर बाद सिर का दर्द रुक जाएगा।
- कागजी नीबू के रस की चार-पांच बूंदें नाक में डालें।
- बिना दूध की चाय बनाकर उसमें आधा नीबू निचोड़कर पिएं। नीबू की पत्तियों को कुचलकर सूंघने से भी सिर दर्द दूर होता है।
- एक चम्मच धनिया, तुलसी के 4 पत्ते, 5 दाने काली मिर्च, दो नग लौंग। इन सबका काढ़ा बना कर पी लें। जुकाम या सर्दी से होने वाला दर्द रुक जाएगा।
- यदि सिर का दर्द पुराना हो, तो आक के पत्तों का रस माथे पर लगाएं।
- सफेद चंदन को गुलाब जल में घिसकर माथे पर लगाने से गर्मी से होने वाला सिर दर्द दूर हो जाता है।
- तुलसी की पत्तियों को पानी में पीसकर इसका सिर पर लेप लगाएं।
- गर्मी के कारण सिर दर्द होने पर सूखा धनिया 10 ग्राम, आंवले का चूर्ण 5 ग्राम, लौंग 4 नग। सबको पीसकर सेंधा नमक के साथ चाटें तथा इसका लेप माथे पर लगाएं।
- आधे सिर में दर्द होने पर काली मिर्च के दो चुटकी चूर्ण में खांड़ डालकर सेवन करें।
- एक चम्मच तुलसी के पत्तों का रस और एक चम्मच नीबू का रस। दोनों को मिलाकर उंगली से धीरे-धीरे चाटें।
- ठंडे पानी में चुटकी भर नमक डालकर पिएं। थोड़ी देर बाद सिर के दर्द को आराम मिलेगा।
- यदि ठंड लगने के कारण सिर में दर्द हो गया हो, तो पानी में हींग घोलकर माथे पर इसका लेप लगाएं।
- दालचीनी को पानी में धिसकर माथे पर लेप लगाने से हर प्रकार का सिर दर्द ठीक हो जाता है।
- आधे सिर में दर्द होने पर निराहार मुंह आधा चम्मच तुलसी के रस में शहद मिलाकर चाटें।
- एक चुटकी फिटकिरी और एक चुटकी सोना गेरू पीसकर गर्म दूध के साथ सेवन करें।
- कनेर के पत्तियों को उबालकर पीस लें। फिर तिल्ली या सरसों के तेल में मिलाकर माथे पर लगाएं ।
- त्रिफला चूर्ण, सोंठ, धनिया तथा बायबिडंग। सबको बराबर की मात्रा में लेकर एक कप पानी में उबालें। पानी जब आधा कप रह जाए, तो उसे उतारकर काढ़े की तरह पी जाएं। सुबह-शाम पीने से सिर दर्द ठीक हो जाएगा।
- बड़ी इलायची के दाने पीसकर माथे पर लेप करें।
- प्याज को काटकर लगभग 10 मिनट तक सूंघने तथा प्याज का रस पैर के तलवों पर मलने से सिर दर्द जाता रहता हैं।
- लहसुन पतला-पतला पीसकर माथे तथा कनपटी पर लगाने से सिर का दर्द जाता रहता है।
- रीठे का छिलका पानी में घिसकर दो-दो बूंद नथुनों में टपकाएं।
- सिर का दर्द होने पर माथे पर मिट्टी की पट्टी बांधे।
- पीपल 1 ग्राम, काली मिर्च 1 ग्राम, मुलेठी 1 ग्राम, सोंठ 1 ग्राम। इन सबको महीन पीसकर मक्खन में पकाएं। इसके बाद इस चटनी को धीरे-धीरे सूंघें।
- रात में सोते समय गाजर तथा चुकंदर के रस में आधा नीबू निचोड़कर पी जाएं।
- मेहंदी की पत्तियों को महीन पीसकर उसका लेप माथे तथा पैर के तलवों पर लगाएं।
- काली मिर्च घिसकर माथे पर लगाने से सिर दर्द बंद हो जाता है।
- बबूल का गोंद पानी में घिसकर माथे पर लगाएं।
- सर्दी-जुकाम के कारण सिर में होने वाले दर्द में जायफल घिसकर लगाएं।
- पिपरमेंट (मैनथोल) को माथे पर लगाएं।
- अदरक के रस की कुछ बूंदें नाक में डालने से गर्मी से होने वाला सिर दर्द बंद हो जाता है।
- अंजीर की छाल को पानी में घिसकर माथे पर उसका लेप लगाएं।
- बच को पानी में घिसकर माथे पर लगाएं।
- यदि सिर दर्द पुराना है, तो धनिया को पीसकर माथे पर लगाएं।
- अजवाइन के पत्तों को पीसकर माथे पर लेप करें।
- यदि गर्मी के कारण सिर में दर्द है, तो पुदीने की पत्तियां पानी में पीसकर माथे पर लेप करें।
- आम की गुठली और छोटी हरड़ पानी में घिसकर माथे पर लेप करने से हर प्रकार का सिर दर्द जाता रहता है।
- गर्मियों में आवले का शरबत पीने से सिर दर्द में काफी राहत मिलती है।
- तुलसी के पत्तों के रस में कपूर मिलाकर लगाएं।
- मगज बादाम का माथे पर लेप करने से काफी आराम मिलता है।
- बारहसिंघा की सींग को पानी में घिसकर लेप करने से सिर दर्द बंद हो जाता है।
- नौसादर तथा चूने का पानी सूंघने से सिर दर्द ठीक हो जाता है।
- चिलगोजे का तेल कनपटियों पर मलने से सिर दर्द ठीक हो जाता है।
- त्रिफला, हलदी, नीम की छाल तथा गिलोय । सबको 5-5 ग्राम की मात्रा में लेकर काढ़ा बनाकर पीने से सिर दर्द दूर होता है।
- छुहारे की गुठली पानी में घिसकर लेप करने से सिर दर्द ठीक हो जाता है।
सिर दर्द का प्राकृतिक चिकित्सा
- पेड़ू पर मिट्टी की पोटली बांधे।
- पेट साफ करने के बाद चोकर की बनी रोटी या फलों का सेवन करें।
- गर्म पानी में आधा नीबू निचोड़कर पियें।
- सिर में कपूर व तिल्ली के तेल की मालिश करें।