आर्सेनिकम सल्फ्युरेटम रुब्रम होम्योपैथिक दवा का उपयोग
सोरायसिस ( विचर्चिका या चोंयटेदार चर्मरोग ) इत्यादि कई तरह के चर्म रोगों में और बहुत दिनों के पुराने अतिसार में ( जिसके मल में बहुत बदबू हो ) – इससे विशेष लाभ होता है। इन्फ्लुएंजा की भी यह एक अच्छी दवा है। जहाँ रोग में – सर्दी, खांसी और श्लेष्मा का भाग बहुत ज्यादा हो, ज्वर में शरीर का ताप खूब अधिक हो और बहुत कमजोरी हो, वहां का प्रयोग करना चाहिए। इसमें कभी-कभी पीब की तरह बलगम निकलता है। जहाँ आर्सेनिक के लक्षण के साथ रोगी ठण्डक चाहता हो – वहां आर्सेनिक सल्फ रुब्रम ; और जहाँ गर्मी की इच्छा करता हो – वहां आर्स एल्ब देना चाहिए।
क्रम – 6x विचूर्ण; 6, 30 शक्ति।