[ एक तरह के क्षुद्र-जातीय गाछ से टिंचर तैयार होता है ] – कान में पीब, कान के भीतर तीर बेधने की तरह दर्द, कान के भीतर सों-सों आवाज, बहरा हो जाने का लक्षण, कई कान की बीमारियों में, बालक-बालिकाओं के कृमि रोग में और सांप काटने तथा मधुमक्खी के काटने पर इसका व्यवहार होता है।
शरीर के ऊपरी अंश में दाहिनी तरफ वात होने पर और सफेद दूध की तरह पेशाब ( milky urine ), उसमें तेज बदबू रहने पर इससे फायदा होता है।
बाद की दवा – बेल, चायना, क्लोरैल, नक्स, पल्स।
क्रियानाशक – कैम्फर।
क्रिया का स्थितिकाल – 2 से 4 दिन।
क्रम – Q, 6 शक्ति।