हिंदी नाम – बायबिडंग है। आयुर्वेद में यह एक कृमिनाशक औषधि है। सौंफ और पीपल के साथ यह शिशुओं की कब्ज में उपयोगी है। बायबिडंग – रेचक, आध्मान अर्थात फेट फूलना व वायुनाशक है।
होमियोपैथी में यह शिशुओं के कृमि जनित अजीर्ण, अतिसार, पेट फूलना और जहाँ पर रोग में कृमि जनित उपसर्ग दिखे वहाँ इसका उपयोग अवश्य करें। इसके रोगी का पेशाब कटु व रक्त की तरह लाल दिखाई पड़ता है।
Embelia ribes के लक्षण में स्वभाव में चिड़चिड़ापन आ जाता है, रोगी बेचैन रहने लगता है और अकेला रहने से डरता है। यह दवा किसी विष से उत्पन्न मानसिक पागलपन को ठीक करने में भी उपयोगी है। नाक में खुजली होते रहना और नाक को हमेशा कुरेदते रहना भी एक लक्षण Embelia ribes में दिखाई देता है। जीभ का सुखना और दांत पीसने की आदत भी इस दवा से ठीक हो जाती है। इसमें खाना खाने के तुरंत बाद फिर से भूख लग जाता है। मलद्वार में खुजली और मल के साथ कीड़े भी निकलते हैं। रात में बुरे सपने और अच्छे से नींद नहीं आना Embelia ribes औषधि के प्रयोग से ठीक हो जाता है।
क्रम – Q, 3x, 6x व 30 शक्ति।