[ मूली की तरह के एक प्रकार के मूल का टिंचर ] – यह दवा नए तथा पुराने दोनों प्रकार के अतिसार में ही ज्यादा फायदा करती है। इसका प्रधान लक्षण है – पेट में वायु भर जाना, पेट के भीतर गड़गड़ करना, पेट फूलना, ढबढब हो जाना, पर ऊपर या नीचे किसी ओर से भी वायु का नहीं निकलना। पहले मल का रंग पीला रहता है, इसके बाद वह धीरे-धीरे पीला होता-होता हरा हो जाता है। मल में फेन रहता है, बड़े वेग से मल निकलता है ; पर उसके साथ जरा भी वायु नहीं निकलता है।
आँख की बीमारी – आँख की पलक हमेशा ही फड़का करती है, कभी-कभी यह इतना अधिक हो जाता कि इसी वजह से रोगी कोई भी चीज अच्छी तरह देख नहीं सकता, आँख की पुतली, आँख के भीतर गोलाकार घूमती है।
दाँत की बीमारी – दाँत के स्नायुशूल का दर्द, गर्भ होने के पहले दो-एक महीनों में अगर गर्भवती को दाँत का दर्द हो तो रैफेनस फायदा करता है।
क्रम – 3, 6 शक्ति।