यह एन्टी-सोरिक औषधि है, चर्म-रोग व श्लैष्मिक झिल्ली के ऊपर इसकी प्रधान क्रिया होती है। मध्यकर्ण का प्रदाह, बदबूदार स्राव, कुष्ठ, एक्जिमा, चर्म का सूखापन, नाक से अत्यधिक मात्रा में जल की तरह स्राव व निरन्तर छींक इत्यादि रोगों में स्कूकम चक उपयोग होता है।
स्कूकम चक 1x से 3x विचूर्ण शक्ति का 2 से 3 महीने तक उपयोग करने से कुष्ठ रोग पूरी तरह ठीक हो जाता है।
सम्बन्ध – स्कूकम चक की तुलना सैक्सोनाइट से की जाती है।
क्रम – 3 विचूर्ण ।