इस लेख में हम झाइयों या melasma की समस्या को ठीक करने की होम्योपैथिक दवा की चर्चा करेंगे।
काले दाग और धब्बे या हाइपर पिगमेंटेशन, त्वचा के खास हिस्सों पर काले दाग या झाइयों का उत्पन्न होना है। ये दाग शरीर के किसी भी भाग में हो सकते हैं, जैसे चेहरे, गर्दन, हाथ, नाभि के आस पास । दाग धब्बों वाली त्वचा से सभी परेशान रहते हैं लेकिन महिलाओं को थोड़ी अधिक चिंता होती है क्योंकि ये दाग उनकी खूबसूरती में ग्रहण की तरह होते हैं जिनकी वजह से उनके आत्मविश्वास में भी कमी आती है।
मेलानिन जो त्वचा को प्राकृतिक रंग प्रदान करता है जोकि मेलानोसाइट्स कोशिकाओं द्वारा उत्पादित होता है। पिगमेंटेशन, तब होता है जब मेलानिन का उत्पादन अधिक मात्रा में होने लगता है।
झाइयां अक्सर, सूरज की यूवी किरणों, हार्मोनल परिवर्तन, गर्भनिरोधक गोलियों का सेवन, गर्भावस्था, त्वचा की उम्र बढ़ने या त्वचा की देखभाल वाले उत्पादों के गलत इस्तेमाल के कारण होती हैं।
गर्भावस्था के समय अगर चेहरे पर झाइयां आई है तो उसे chloasma और किसी अन्य कारण से झाइयां हुई हैं तो उसे melasma कहते हैं। चेहरे पर झाइयां होने के अधिकतर मामले गर्भावस्था के समय या गर्भनिरोधक गोलियों का अधिक सेवन करने के कारण होते हैं परन्तु मैंने ऐसे कई मामले देखे हैं जिसमे दोनों कारणों के बिना भी चेहरे पर झाइयां हो गई हैं।
हाइपर पिगमेंटेशन,चेहरे पर झाइयां होने कारण के विषय में हम अधिक चर्चा ना करते हुए होम्योपैथिक दवा की चर्चा करेंगे कि किस लक्षण पर कौन सी दवा से ऐसी समस्या पूरी तरह से ठीक हो जाती है, तो आइये समझते हैं :-
सबसे पहले वैसी दवा जिनका इस्तेमाल हमें करना ही है। एक दवा चेहरे पर लगाने के लिए और एक दवा खाने वाली जिसका इस्तेमाल हम melasma के केस में करेंगे ही।
Berberis Aquifolium Q – इसकी 10-15 बून्द थोड़े पानी में डाल कर या थोड़े गुलाब जल में डालकर दिन में 2 से 3 बार चेहरे पर लगाना है। साथ में Thuja 200 की 2 बून्द हफ्ते में 1 बार जीभ पर टपकाना है। Thuja hormonal imbalance को ठीक करता है और Berberis Aquifolium चेहरे के पिगमेंटेशन को धीरे-धीरे साफ़ करता जाता है। तो ये दोनों का इस्तेमाल हमे करना ही है।
अब कुछ मुख्य लक्षण की तरह देखते हैं :-
Sepia 200 – अगर गर्भावस्था के समय चेहरे पर झाइयां हुई हैं या गर्भावस्था के समय आपको अगर दिखने लगे कि पिगमेंटेशन शुरू हो गया है तो Sepia 200 की 2 बून्द हफ्ते में 1 बार सेवन करना है, जैसा कि मैंने बताया था गर्भावस्था के समय चेहरे पर होने वाली झाइयों को chloasma कहते हैं और Sepia से chloasma की समस्या जड़ से ठीक हो जाती है।
Caulophyllum 200 – ऐसी महिलाएं जिनके चेहरे पर झाइयां हैं और साथ में मासिक की दिक्कत रहती है, मासिक अनियमित होता है, गर्भाशय अर्थात Uterus में कोई न कोई समस्या रहती है, जरायु की कमजोरी की वजह से जिन्हे अक्सर गर्भस्राव हो जाया करता है, उनको Caulophyllum 200 की 2 बून्द हफ्ते में 1 बार अवश्य देना है। ऐसे लक्षण वाली महिला के चेहरे पर झाइयां हैं तो Caulophyllum से ठीक हो जाएँगी।
Sulphur 200 – अगर आप काफी समय से किसी face cream का इस्तेमाल कर रहे हैं, जब तक इस्तेमाल किये चेहरे पर रौनक रहा, चेहरा साफ़ रहा परन्तु जैसे cream का इस्तेमाल आपने बंद किया आपके फेस पर पिगमेंटेशन शुरू हो गया और धीरे धीरे बढ़ कर पूरे फेस पर हो गया, उसमे खुजली भी होने लगी तो ऐसे में आपको Sulphur 200 की 2 बून्द रोजाना सुबह-सुबह जीभ पर टपकाना है, धीरे धीरे पिगमेंटेशन ठीक हो जायेगा और वैसी face cream जिसे लगाने की आदत हो गई है, आप छोड़ना चाहते हैं पर छोड़ नहीं पा रहे, थोड़े दिन इस्तेमाल ना करने से चेहरा डार्क होने लगता है, वैसा face cream जिसमे steroid होता है Sulphur के इस्तेमाल से face cream की आदत छूट जायेगा, और छोड़ने से चेहरा डार्क भी नहीं होगा।
Cadmium sulph 200 – अगर धुप या हवा लगने से चेहरे पर पिगमेंटेशन हुआ है तो Cadmium sulph 200 की 2 बून्द हफ्ते में 1 बार सेवन करने से धुप या हवा लगने से होने वाला पिगमेंटेशन ठीक हो जाता है।
Argentum Nitricum 200 – इस दवा का पिगमेंटेशन में लक्षण यह है कि dark patches थोड़े दूरी पर रहेंगे। थोड़े-थोड़े डिस्टेंस पर dark patches नजर आएंगे। पेट से सम्बंधित समस्या रहेगा, मीठा खाने की इच्छा रहेगी, पर मीठा खाने पर दस्त लग जायेगा, ऐसे लक्षण पर Argentum Nitricum 200 की 2 बून्द हफ्ते में 3 बार जीभ पर लेंगे तो पिगमेंटेशन और पेट सम्बंधित समस्या भी ठीक हो जायेगा।
Lycopodium 200 – किसी-किसी का आँखों के नीचे घेरे में पिगमेंटेशन हो जाता है, अगर उसका रंग bluish है तो आपको Lycopodium 200 की 2 बून्द हफ्ते में 1 बार जीभ पर लेना है। धीरे-धीरे आँखों के नीचे bluish रंग के घेरे ठीक हो जायेंगे।