इस लेख में हम एलर्जिक राइनाइटिस की समस्या को ठीक करने की होम्योपैथिक दवा की चर्चा करेंगे।
एलर्जिक राइनाइटिस, एलर्जन की वजह से होती है जबकि साधारण सर्दी-जुकाम वायरस या संक्रमण के कारण। एलर्जन का मतलब है ऐसे तत्त्व जो एलर्जी पैदा करते हैं जैसे धूल, धुआं, सर्दी, घर के धूल के कण, पौधों के परागकण, पालतू जानवर इत्यादि।
एलर्जिक राइनाइटिस नाक से जुड़ी एक आम समस्या है। जिसमें अतिसंवेदनशीलता के कारण कुछ कोशिकाओं के अतिसक्रिय होने पर जुकाम के रूप में नाक पर प्रभाव पडऩे लगता है। जिसके कारण लगातार छींके आना, नाक से पानी आना, नाक और आंख में खुजली रहना जैसे लक्षण होने लगते हैं।
एलर्जिक राइनाइटिस के कुछ मुख्य-मुख्य लक्षण हैं जोकि ज्यादातर देखने को मिलते हैं :-
- किसी को ऐसे में नाक-आँख से पानी आता है, वह पानी काटने वाला, जलने वाला होता है, बंद कमरे में घुटन होती है।
- किसी को ऐसे में नाक-आँख से पानी हल्का आएगा पर छींकें बार-बार लगातार आएँगी। किसी को सुबह उठते ही छींके शुरू हो जाती है, किसी को घर की साफ़-सफाई करने की दौरान छींकें शुरू हो जाती हैं।
- किसी को ठण्ड या गर्म दोनों के प्रति अतिसंवेदनशीलता हो जाती है, अचानक ठण्ड से गर्म में जाने पर या गर्म से ठण्ड में आने पर नाक-आँख से पानी, छींके शुरू हो जाती है।
- किसी को ऐसे में नाक-आँख से पानी आता है और नाक, आँख में खुजली बहुत होती है।
- किसी को ऐसे में नाक-आँख से पानी आता है साथ में सांस फूलने की समस्या भी हो जाती है। मतलब पहले एलर्जिक राइनाइटिस था वह बढ़ते-बढ़ते सांस फूलने की समस्या में बदल गया।
ऐसे -ऐसे लक्षण ही एलर्जिक राइनाइटिस में देखने को मिलते हैं। अब अधिक समय न लेते हुए हम होम्योपैथिक दवा की चर्चा करेंगे की कौन से लक्षण पे हमें किस दवा का सेवन करना है।
सबसे पहली दवा Ars Iod 6x पूरा नाम Arsenicum iodatum 6X – एलर्जिक राइनाइटिस में इस दवा का सेवन हमें करना ही है। यह दवा साधारण नाक की सर्दी, हे फीवर अर्थात सर्दी के साथ हँफनी, खिंचाव, बुखार, डिफ्थीरिया अर्थात नाक और गले का संक्रमण, ब्रांको निमोनिया जिसमे बहुत सारा बलगम निकलता है, फेफड़े के कई प्रकार के नए और पुराने रोग में लाभदायक दवा है। इसलिए एलर्जिक राइनाइटिस में Ars Iod 6x जरूर लेंगे, इसकी 1 गोली दिन में 3 बार मुँह में ले कर चूसना है।
अब लक्षणों को समझते हैं :-
Allium Cepa 30 – इसमें आँख, मुंह, नाक से पानी गिरता है, लगातार छींकें भी आती हैं। नाक से पानी की तरह पतला जुकाम झड़ना और उस स्राव से ऊपरी होंठ और नाक में घाव होना या खाल उधड़ जाना लक्षण मिलते हैं। Allium Cepa की प्रकृति को ऐसे समझें – घर की खिड़की और दरवाजे बंद कर उसमे किसी स्वस्थ व्यक्ति को बैठाकर उसे प्याज काटने के लिए दें। जो लक्षण उसमे प्रकट होंगे वही लक्षण Allium Cepa में मौजूद होते हैं। अर्थात नाक, आँख से पानी आना, नाक से जो पानी आएगा जो जलने और काटने वाला होगा, व्यक्ति चाहेगा की घर के खिड़की, दरवाजे खोल कर खुली हवा लिया जाए। ऐसे लक्षण में अगर Allium Cepa 30 की 2 बून्द दिन में 3 बार दी जाए तो ऐसे समस्त लक्षण ठीक हो जाएंगे।
Euphrasia 30 – इसमें भी आँख, नाक से पानी निकलने के सभी लक्षण Allium Cepa के समान है, पर भेद यह है कि इसमें आँख से जो पानी निकलता है उससे आँखों के चारों ओर की खाल उधड़ जाती है किन्तु नाक से जो पानी आता है उससे होंठ की खाल नहीं गलती। Allium Cepa में नाक से जो पानी गिरता है उससे होंठ की खाल गलती है पर आँख से जो पानी आता है उससे आँख के चारों तरफ की खाल नहीं गलती। ऐसे में Euphrasia 30 2 बून्द दिन में 3 बार दी जाए तो कुछ दिनों में ऐसे समस्त लक्षण ठीक हो जाएंगे।
Natrum Mur 30 – इसका लक्षण है कि नाक से बहुत ज्यादा पानी जैसा श्लेष्मा निकलने के साथ-साथ बराबर छींके आना। सर्दी का स्राव कभी पतला कभी सूखा। जरा ठंडी हवा लगते ही सर्दी हो जाना, सर्दी का स्राव जहाँ लगे वहां की खाल गल जाना। Natrum Mur के सर्दी की एक विशेषता और भी है कि रोगी को किसी चीज की गंध नहीं आती। गले में सुरसुरी होगी, खांसी आएगी, और साथ में माथे में जोर का दर्द रहेगा। ऐसे में आप Natrum Mur 30 का इस्तेमाल करें। 2 बून्द सुबह और शाम कुछ दिन लेने से समस्या ठीक हो जाएगी।
Arsenic 30 – इसमें भी एलर्जी के सारे लक्षण मौजूद रहते हैं, परन्तु रोगी को बेचैनी रहती है, प्यास बहुत रहेगी पर पानी ज्यादा नहीं पिएंगे। प्यास बहुत पर रोगी थोड़ा-थोड़ा पानी बार-बार पीता है। गंध के लक्षण देखेंगे तो किसी तरह की गंध सहन नहीं होगी। ऐसे लक्षण मिलने पर आप Arsenic 30 का इस्तेमाल करें। 2 बून्द सुबह और शाम कुछ दिन लेने से एलर्जिक राइनाइटिस की समस्या जड़ से ठीक हो जाएगी।
Merc Sol 30 – इसमें भी एलर्जी के सारे लक्षण मौजूद रहते हैं, परन्तु इसका रोगी ज्यादा सर्दी या ज्यादा गर्मी सहन नहीं कर सकता। ठंडी हवा बिलकुल सहन नहीं होती, थोड़ा सा परिश्रम करते ही ज्यादा पसीना आने लगता है और रोगी कमजोरी महसूस करने लगता है। नाक से पानी जैसा पतला श्लेष्मा निकलना, नाक बहुत खुजलाना और जलन होना, नाक बंद सी मालूम होना, शाम में नाक और नाक नाक की जड़ में तकलीफ बढ़ जाना जैसे लक्षण पर Merc Sol लाभ करती है। इस दवा में ध्यान दीजियेगा की रोगी के एलर्जिक राइनाइटिस के सारे लक्षण में रहेंगे साथ में रोगी oversensitive रहता है ठण्ड से भी और गर्मी से भी।
Arundo 30 – इस दवा में भी एलर्जिक राइनाइटिस के सारे लक्षण मजूद रहेंगे पर खुजली नाक और आँख में अधिक होगी। खुजली करते-करते नाक फूल जाएगी, आँख लाल हो जाएगी । छींके भी आएँगी और किसी चीज की गंध नहीं मालूम होगी। तो ध्यान दीजियेगा एलर्जिक राइनाइटिस के सारे लक्षण के साथ अगर खुजली हो तो Arundo 30 का इस्तेमाल करना है। 2 बून्द सुबह और शाम कुछ दिन लेने से एलर्जिक राइनाइटिस की समस्या जड़ से ठीक हो जाएगी।
Ambrosia Q – यह दवा हे-फीवर और हूपिंग खांसी में उपकारी है। एलर्जिक राइनाइटिस के सारे लक्षण मौजूद रहते हैं जैसे नाक से पानी, छींके पर इसमें इन लक्षणों के साथ ट्रेकिया और श्वासनली के सूजन के साथ दमा की तरह के लक्षण प्रकट होते हैं, गला सांय-सांय करता है। ऐसे में इसकी 10 बून्द आधे कप पानी में डाल कर दिन में 3 बार पीने से एलर्जिक राइनाइटिस और सांस फूलने की समस्या ठीक हो जाती है।
Sanguinaria Nitricum 30 – इसमें भी एलर्जिक राइनाइटिस के लक्षण मौजूद रहते हैं साथ में नाक का पॉलिप्स अर्थात रक्त अर्बुद बढ़ जाता है। बहुत अधिक मात्रा में पानी की तरह बलगम आना, नाक के भीतर जलन और नाक सुखी, नाक के भीतर पपड़ी जमना, उसको निकलते समय खून आना, छींक, नाक के भीतर जख्म की तरह दर्द, पानी की तरह सर्दी निकलने के साथ नाक की जड़ में दबाव मालूम पड़ना जैसे लक्षणो में यह दवा लाभदायक है। इसमें दाहिनी नाक से लगातार पानी गिरता है। ऐसे लक्षण पर Sanguinaria Nitricum 30 की 2 बून्द सुबह और शाम कुछ दिन लेने से एलर्जिक राइनाइटिस की समस्या जड़ से ठीक हो जाएगी।