नाना प्रकार की कै और गर्भावस्था की कै में यह अधिक उपकारी है। छोटे-छोटे शिशुओं को किसी प्रकार का खाद्य नहीं पचता, गैस्ट्रिक के कारण दर्द हो जाता है। किसी भी द्रव्य का स्वाद या गंध मालूम नहीं होती ऐसे में एमिगडैलस पर्सिका बहुत फायदा करता है।
रोगी को सुबह उठते ही उल्टी और मितली जैसा महसूस होता है, आँखों में जलन होती है, कब्ज की शिकायत, रक्तमेह जैसी समस्या दिखती है। मितली और उल्टी आने की समस्या का निदान एमिगडैलस पर्सिका अच्छा करता है।
पेशाब में खून समस्या को में एमिगडैलस पर्सिका अच्छा काम करता है। एमिगडैलस पर्सिका 30 पोटेंसी में 2 बून्द दिन में तीन बार जीभ पर टपकाएं।
शिशुओं के गुदाद्वार में जलन, कुछ भी खाया हुआ पचता नहीं, खाने के तुरंत बाद दस्त हो जाना, जीभ का स्वाद खत्म हो जाता है और उसमे से बदबू भी आती है ऐसे लक्षण में एमिगडैलस पर्सिका 6 पोटेंसी का इस्तेमाल कर सकते हैं।
एमिगडैलस पर्सिका Q की 10 बून्द आधे कप डाल कर प्रयोग करने से उपर्युक्त लक्षण में तुरंत लाभ होता है।
क्रम – 2x, 3x, Q शक्ति।