आँख की कई बीमारियों और उपदंश, सिर दर्द आदि दो-एक पीड़ाओं में इसका समय-समय पर उपयोग होता है। निर्दिष्ट या बँधे हुए समय का अन्तर देकर ( periodicity ) प्रातः दो तीन सप्ताह के अन्तर से किसी भी बीमारी या बीमारी के लक्षणो का फिर से पैदा हो जाना – इस दवा का एक खास लक्षण है।
आँख की बीमारी – आँख लाल हो जाना, आँखों से पानी गिरना, आँखों का फूल जाना और किरकिरना, आँखों के भीतर जलन होना, दृष्टि-शक्ति की कमी – सूर्य, बत्ती या गैस की रौशनी बिलकुल सहन न होना, उससे बहुत तकलीफ होना, इच्छानुसार आँखों से काम न ले सकना।
सिर-दर्द – कपाल में शोथ की तरह सूजन, सिर झुकाने या सोने पर सिर दर्द बढ़ जाना। सिर में हथौड़ी मारने की तरह दर्द, माथे में बाईं ओर दर्द।
उपदंश ( syphilis ) – इसके सेवन से पहले उपदंश रोग बढ़ता है, परन्तु बाद में रोग पूरी तरह ठीक हो जाता है।
ऊपर लिखी बीमारियों के अलावा – मुंह के भीतर घाव और दर्द की भी यह बढ़िया दवा है।
क्रम – 6 से 200 शक्ति।