[ Crawfish ] – यह औषधि सर्वधा चर्म रोगों में लाभ दायक रहती है। सारे शरीर पर शीतपित्त प्रकट हो जाती है, खुजली, लसीफा ग्रान्थियां बढ़ जाती हैं साथ ही दुग्ध निर्मोक ( Crusta lactea ) विसप और जिगर की खराबियों के साथ शीतपित्त की शिकायत होती है। गर्दन की ग्रंथियों में सूजन तथा कामला रोग (Jaundice)। रोगी को अन्दर से ठण्ड लगती हैं, हवा बिल्कुल सहन नहीं होती, कपड़े उतारने पर रोग की वृद्धि होती है। तेज बुखार के साथ सिर में दर्द होता है।
सम्बन्ध – एपिस, रस, होमर, नेट्र-म्यूरि, बाम्बिक्स (शीतपित्त) से तुलना करे।
मात्रा – 3, 30 शक्ति।