चुकन्दर में लोहा होने से यह रक्त बढ़ाता है; स्त्रियों का दूध बढ़ाता है; जोड़ों का दर्द दूर करता है; यकृत की शक्ति देता है। मस्तिष्क को ताजा रखता है। यह मीठा, विरेचक, पुष्टिकर और मानसिक विकृतियों को ठीक करता है।
दूध-वृद्धि – नियमित चुकन्दर की सब्जी खाने से दूध बढ़ता है। इसे कच्चा भी खा सकते हैं, रस पी सकते हैं।
मासिक धर्म कष्टप्रद और बन्द हो तो नित्य चुकन्दर का सेवन लाभप्रद है।
उच्च रक्तचाप में चुकन्दर, गाजर का रस 1-1 कप, पपीता और नारंगी का रस आधा-आधा कप मिलाकर नित्य दो बार पीने से लाभ होता है।
पथरी – चुकन्दर का रस या चुकन्दर को पानी में उबालकर उसका सूप पीने से पथरी गलकर निकल जाती है। मात्रा 30 ग्राम दिन में 4 बार। यह कुछ सप्ताह लें। इससे गुर्दे की सूजन भी दूर होती है। यह पेशाब ज्यादा लाता है। यह गुर्दे के रोगों में लाभदायक है।
चुकन्दर बलगम निकालकर श्वास-नली को साफ रखता है।
फरास-जुएँ – चुकन्दर के पत्तों को पानी में उबालकर सिर धोने से फरास दूर होती है तथा जुएँ भी मर जाती हैं।
बाल गिरना – (1) चुकन्दर के पत्ते मेहन्दी के साथ पीसकर सिर पर लेप करने से बाल गिरना बन्द हो जाते हैं और तेजी से उगते हैं तथा बढ़ते भी हैं। (2) चुकन्दर के पत्तों को पीसकर उसमें थोड़ी-सी हल्दी मिलाकर सिर में लेप करने से बाल उग आते हैं।
दाद – इसके पत्तों के रस में शहद मिलाकर लगाने से दाद ठीक हो जाता है।
आमवात – चुकन्दर खाने से जोड़ों का दर्द दूर होता है।
हाइपोग्लाइसीमिया (रक्त में शुगर की कमी) – यह चुकन्दर खाने से दूर होती है।
गैस्ट्रिक अल्सर – दो चम्मच चुकन्दर के रस में एक चम्मच शहद मिलाकर नित्य कुछ दिन पीने से लाभ होता है।
पाचन संस्थान के रोग – दो चम्मच चुकन्दर के रस में एक चम्मच नीबू का रस मिलाकर नित्य पियें। इससे उल्टी, दस्त, हैजा, पेचिश, लीवर-इन्फेक्शन और टी.बी. में लाभ होता है।
बवासीर के मस्से चुकन्दर खाते रहने से झड़ जाते हैं।
कैंसर – चुकन्दर का रस नित्य पीने से कैंसर में लाभ होता है।
गाँठ (Tumour) – चुकन्दर में ‘बिटिन’ तत्व पाया जाता है जो शरीर में गाँठ तथा कैंसर होने से बचाता है। गाँठ के रोगी को प्रारम्भ के दो दिन मौसम के फल व सब्जियों के रस पर रखें। तीसरे दिन प्रात: एक गिलास पानी में एक नीबू का रस व चार चम्मच शहद मिलाकर पिलायें। दिन में अंगूर का रस एक-एक कप चार बार और मौसमी का रस एक-दो बार दें। रोगी आराम करता रहे। शारीरिक श्रम नहीं करें। रोगी को चौथे दिन से लगातार कुछ दिन तक आधा गिलास गाजर का रस आधा गिलास चुकन्दर का रस मिलाकर चार बार दिया जाए। सामान्य हल्का अंकुरित अन्न दें। कुछ ही दिनों में गाँठ पिघल जायेगी।
मासिक धर्म, श्वेत प्रदर, जननांगों के रोगों में गाजर का रस पौन गिलास में चौथाई गिलास चुकन्दर का रस मिलाकर नित्य दो बार पिलायें। इससे प्राय: स्त्रियों सम्बन्धी रोग ठीक हो जाते हैं।
यह सनबर्न से झुलसी त्वचा में लाभ पहुँचाता है। चुकंदर में भरपूर मात्रा में पोषक तत्व होते हैं।
प्राकृतिक सुन्दरता – आप नेचुरल लुक का अपनी ओर से पसंद करने का मानस बनाकर देखें तो पायेंगे कि सॉफ्ट और टेन्डर लुक की त्वचा की बात ही अलग होती है। यही आपके व्यक्तित्व की आभा है।
(1) मालिश – रात को हमारी त्वचा की कोशिकाएँ पुन: बनती हैं। सोने से पहले शरीर पर तेल को मालिश करके सोयें।
(2) स्नान से पहले किसी तेल की मालिश करके स्नान करें।
(3) नेचुरल पिंक लुक हेतु चुकन्दर काटकर हल्के हाथों से अपना चेहरा मलें। इससे चेहरे में गुलाबी निखार आ जाता है।
नाखूनों को विकृतियाँ – नित्य सौ ग्राम चुकन्दर का रस पीने या 150 ग्राम चुकन्दर खाने से नाखून का फटना, उखड़ना, बदरंग होना, मोटे होना ठीक हो जाता है।
पित्ती (Urticaria), पुराना घाव, मधुमक्खी के काटे डंक पर चुकन्दर का रस लगाने से लाभ होता है।
मुख सौन्दर्य – कील, मुँहासे, झाँइयाँ, दाग-धब्बे चेहरे पर हों तो चुकन्दर, टमाटर का रस आधा-आधा कप तथा एक गिलास गाजर का रस मिलाकर पीने से लाभ होता है।
गोरापन – चुकन्दर, टमाटर का रस 1-1 कप में दो चम्मच कच्ची हल्दी का रस या एक चम्मच पिसी हल्दी मिलाकर सुबह-शाम 15 दिन तक पीने से त्वचा का रंग गोरा हो जाता है।