जरायु से रक्तस्राव, अत्यधिक रजोस्राव और प्रदर में बोविस्टा की उपकारिता पायी जाती है। इसके रजोधर्म की विशेषता यह है कि स्राव सिर्फ रात ही को होता है (Menstrual flow only at night) दिन में नहीं होता जबकि मैग्ने-कार्ब में सिर्फ दिन ही में रक्तस्राव का जारी रहना और लेटने से बन्द हो जाने का लक्षण है।
रजोधर्म समय के बहुत पूर्व होता है और स्त्राव अधिक होता है। रजोधर्म होने के पूर्व और उसके जारी रहने के दिनों में अक्सर पतले दस्तों का आना इसका एक विशेष लक्षण है (Diarrhoea frequently before and during menstruation), दो मासिक धर्म के मध्यवर्ती समय के अन्दर कभी-कभी खून का कतरा आ जाया करता है (बोर); प्रति दो सप्ताह में मैला और थक्का सा खून आता है, उसके साथ रोगिणी यह ख्याल करती है कि जरायु का समस्त यन्त्र योनिद्वार से बाहर निकल पड़ेगा।
रजोधर्म के कुछ ही दिन पहले और कुछ ही दिन बाद तक अण्डे की सफेदी की तरह प्रदर-स्त्राव होता है। पीला, हरे रंग का स्राव भी होता है, जिसकी चलने से वृद्धि होती है।
चिर कुमारी स्त्रियों के दिल की धड़कन में यह औषधि विशेष उपयोगी है। बोविस्टा की लड़की बड़े बेढंगे से घरेलू काम करती है, उसके हाथ से चीजें अक्सर छूट कर गिर पड़ती हैं। यह लड़कियां कमर में कपड़ा कस कर नही पहिन सकती। उसको हाथ पैरों में अत्यन्त थकान मालूम होती है।
नाक और अन्यान्य श्लैष्मिक झिल्ली से (Mucous membranes) चिमड़ा, लसदार और सूत की तरह स्राव होता है। सुबह के समय नाक से रक्तस्राव होता है।
इसमें बगल के पसीने में से प्याज की तरह की बू आती है।
छुरी, कैंची, भद्दे औजार आदि व्यवहार करने से अंगुली में अत्यन्त गहरी चोट लग जाने पर यह लाभदायक है।
चमड़े पर इस औषधि का प्रभाव यथेष्ट है। पित्त उछलने पर, दाद, एक्जिमा, चाहे सूखा हो या उनमें से रस निकलता हो, जलन और खुजली होती हो, तो इसके प्रयोग से विशेष लाभ होगा। काक्सिक्स (Coccyx) रीढ़ की हड्डी के नीचे के भाग में इतनी अधिक खुजली होती है कि रोगी खुजलाते-खुजलाते तब तक शान्त नहीं होता, जब तक वह स्थान छिल नहीं जाता।
तारकोल के वाह्य प्रयोग का कुफल और कोयले की गैस (Charcoal gas) से श्वासरोध बोविस्टा से दूर होता है।
ज्वर (Fever) इसके बुखार का समय सुबह 5 से 8 बजे के अन्दर या रात 7 के 10 के अन्दर होता है।
बोविस्टा के बुख़ार में शीत का आधिक्य होता है, बुखार की गर्मी और पसीना नहीं रहता।
सम्बन्ध (Relations) – अनियमित रजोधर्म में ऐमोन-कार्ब, बेल, कैल्क कार्ब, मैग्न-सल्फ़ और सिपिया के साथ तुलना कर सकते हैं।
मात्रा (Dose) – 3 से 6 शक्ति ।