गर्भावस्था एवं प्रदर के अतिरिक्त और भी अनेक अवसरों पर स्तनों में विभिन्न प्रकार के कष्ट हो जाते हैं । उसकी चिकित्सा के विषय में निम्नानुसार समझना चाहिए। वात अथवा स्नायु-दोष एवं अन्य कारणों से उत्पन्न स्तनों में दर्द में निम्नलिखित होम्योपैथिक औषधियाँ काम करती हैं :
कोनियम 3, 30, 200 – स्वल्प-रजः के कारण अथवा ऋतु-स्राव होने से पूर्व दोनों स्तनों में दर्द होने पर इसका प्रयोग करें ।
सेंगुइनेरिया 3x, 6 – दाँयें स्तन में इतना तीव्र-दर्द होना कि उसके कारण हाथ को उठा पाना अथवा साँस लेना भी कठिन हो जाय – इन लक्षणों में इसे दें । मासिक-धर्म आरम्भ होने से पूर्व यह दर्द होता है ।
कैल्केरिया-कार्ब 6, 200 – ऋतु-धर्म होने के एक सप्ताह पूर्व से ही स्तनों में दर्द होने तथा अधिक रज:स्राव होने पर इसका प्रयोग करें ।
सिमिसिफ्यूगा 3x – अविवाहिता लड़कियों के स्तन (विशेष कर बाँयें स्तन) के निम्न-भाग में दर्द होने पर इसे दें ।
पल्सेटिला 3, 30 – स्तनों में दर्द के साथ स्वल्प-रज होने पर इसका प्रयोग हितकर रहता है । यह दर्द भी स्तनों के निचले भाग में ही होता है ।
सियानोथस 1x, 2x – स्तनों में दर्द के साथ प्रदर के लक्षणों में प्रयोग करें ।
रैननकुलस बल्बोसस 6, 30 – वात के कारण स्तनों के दर्द में हितकर है ।
क्रोटन-टिग 6, 30 – बच्चों को दूध पिलाने वाली माताओं के स्तन से दर्द का चलकर पीठ की ओर जाना-इन लक्षणों में प्रयोग करें ।
फैलेण्ड्रियम 6 – बच्चे द्वारा स्तन-पान करते समय स्तनों में दर्द होने पर दें।
स्तनों की घुण्डी अथवा स्तनों में दुखन के उपसर्ग दिखाई देने पर लक्षणानुसार निम्नलिखित औषधियों का प्रयोग करें:-
सीपिया 200 – स्तनों की सूजन तथा फटने में इसे दें।
ग्रैफाइटिस 30, 200 – यह भी सूजन तथा फटन में हितकर है । स्तन के जख्म से गोंद जैसा स्राव होना इसका चरित्रगत लक्षण है । जख्म के सूजने पर यह उसके निशानों को साफ कर देती है ।
कैस्टर इक्वी 6, 13 – डॉ० हेरिंग के मतानुसार स्तनों के त्वचा के मोटा हो जाने, फट जाने अथवा उसमें जख्म हो जाने पर इसका प्रयोग बहुत लाभ करता है।
आर्निका 3x – स्तनों में जख्म की तैयारी होने पर इसे दें ।
सल्फर 30 – स्तनों में जख्म हो जाने पर इसका प्रयोग लाभकर रहता है ।
आर्निका Q – इस औषध के मूल-अर्क की 20 बूंदें 1/8 गैलन पानी में डालकर, उससे दुखते हऐ स्तनों को धोयें । बच्चों को दूध पिलाने से पूर्व स्तनों को पुनः स्वच्छ जल से धो लेना चाहिए ।
कैलेण्डुला Q – इस औषध के मूल-अर्क की 20 बूंदें एक प्याला पानी में डालकर, उससे दुखते स्तनों को धोयें । बच्चों को दूध पिलाने से पूर्व स्तनों को पुन: स्वच्छ जल से घो लेना चाहिए।
हैमामेलिस Q – इस औषध के मूल-अर्क की 20 बूंदें 1/8 गैलन पानी में डालकर उससे दुखते स्तनों को धोयें । बच्चों से दूध पिलाने से पूर्व स्तनों को पुनस्वच्छ जल से धो लेना चाहिए ।