मच्छरों के प्रकोप से बचने के लिये बाजार में कई प्रकार की रासायनिक दवायें उपलब्ध हैं। कुछ अगरबत्तियाँ भी बाजार में उपलब्ध हैं जो रासायनिक यौगिकों जैसे- पाइरीथम पाउडर, सैइट्रौनिला ऑयल आदि से निर्मित की जाती हैं, पर ये विषैले रसायन मनुष्य के स्वास्थ्य पर अपना बुरा असर भी अवश्य डालते हैं । अतः मच्छरों से बचने का सबसे सरल और सुरक्षित उपाय यह है कि मच्छरदानों का प्रयोग किया जाये । साथ ही, अपने घर में तथा घर के आस-पास गन्दगी एकत्रित न होने दी जाये । होमियोपैथी में इस समस्या का इलाज इस प्रकार है
स्टेफिसेग्रिया 6x, 30- इस दवा को प्रतिदिन दो-तीन बार लेने से मच्छर नहीं काटते हैं ।
नैट्रम म्यूर 30- जब मलेरिया का प्रकोप फैला हो तो इस दवा को प्रतिदिन दो-तीन बार लेने से मलेरिया से बचा जा सकता है किन्तु गर्भाधान के इच्छुक दम्पत्तियों और गर्भवती महिलाओं को इस दवा का प्रयोग नहीं करना चाहिये।
एजाडिरेक्टा इण्डिका Q, 30- यह नीम से बनने वाली दवा है । इसका प्रतिदिन दो-तीन बार प्रयोग करने से मच्छर, खटमल, जूं आदि शरीर के सम्पर्क में नहीं ठहर पाते हैं और शरीर का रक्त पीने में असमर्थ हो जाते हैं । इसे तेल में मिलाकर शरीर पर लगाया भी जा सकता है ।