यह औषधि ‘बीवर’ नामक एक प्रकार के जन्तु की योनि से बनाई जाती है, स्त्रियों की कुछ बीमारी जैसे हिस्टीरिया और अत्यन्त कष्ट के साथ ऋतु स्राव बूंद-बूंद टपकता है। ऋतु स्राव बिल्कुल बन्द हो जाता है और उसके साथ ही पेट फूलना, पेट में दर्द, पेट में वायु, कमजोरी और स्नायु प्रधान स्त्रियों का हर वक्त चिड़चिड़ा स्वभाव, दुर्बल करने वाला पसीना आना, दिवान्धता (day blindness) बीमारी में आँखों में रोशनी सहन न होना, हर वक्त जम्माई आना इत्यादि बीमारियों में इस औषधि के सेवन से लाभ होता है।
सम्बन्ध (Relations) – अम्बरा, मास्कस, म्यूरि-एसिड, वैलेरियाना से तुलना कीजिए।
मात्रा – Q, 3, 6, और 30 शक्ति।।