यह रोग भी संक्रामक जीवाणुओं से होता है। इसमें भी तेज बुखार के साथ मस्तिष्क में शोथ होता है जिसकी वजह से सिर में दर्द, तेज बुखार, उल्टी, गर्दन में दर्द, बेहोशी, लकवे जैसी हालत उत्पन्न हो जाती है। इसका कृढ़ाकजीवाणुओं के प्रवेश के करीब आठ संवतविक अवधि में होता है ।
बैप्टीशिया 3x, 30- मस्तिष्क-शोथ रोग में तेज बुखार के साथ विषाक्त रक्त-ज्वर रहे, अत्यधिक भारीपन, दर्द आदि में इसे दिन में तीन बार देते रहना चाहियें । साथ ही ऊपर दिये योग का प्रयोग भी श्रेयस्कर हैं ।
आर्जेण्टम नाइट्रिकम 30– यह चाँदी धातु से निर्मित मस्तिष्क ज्वर की काफी कारगर दवा है । यदि मस्तिष्क-शोथ के संक्रामक रोग से प्रभावित रोगी को तेज बुखार, सिर में दर्द, चकराहट, आँखों से ठीक न दिखना आदि लक्षण हो तो ऐसी स्थिति में इस दवा का प्रयोग दिन में तीन बार आवश्यकतानुसार करना चाहिये । जब इस रोग का प्रकोप फैल रहा हो तो इस दवा की 200 शक्ति की एक मात्रा प्रति सप्ताह स्वस्थ व्यक्तियों को देने से रोग से बचा जा सकता है अर्थात् यह मस्तिष्क ज्वर की प्रतिषेधक दवा भी है।
बेलाडोना 30- यह मस्तिष्क की एक उत्तम व कारगर दवा है । तेज ज्वर, सिर-दर्द, गर्दन में दर्द, चेहरा लाल तमतमाया हुआ, अकड़न, अंगप्रत्यंग में तीव्र दर्द, घबराहट, चक्कर आना आदि लक्षण होने पर प्रयोग करना चाहिये । यदि ऊपर का योग (मिश्रण) प्रयोग कर रहे हैं तो फिर इसकी अकेले देने की जरुरत नहीं है।