सामान्यतः प्रत्येक स्त्री को युवावस्था आने पर मासिक होना प्रारंभ हो। जाता है और उसे लगभग एक माह के अन्तराल से सदैव होता रहता है। में स्त्री का मासिक सदैव के लिये बंद हो जाता है । केवल स्त्री के गर्भवती होने की दशा में ही उसे मासिक नहीं होता- इसके अलावा सदैव उक्त प्रक्रिया चलती रहती हैं । प्रारंभ न हो तो यह रोग का चिन्ह है और इसका उपचार कराना चाहिये। कभी-कभी मासिक एक-दो बार होकर पुनः बन्द हो जाता है- ऐसी स्थिति को भी इसी श्रेणी के अन्तर्गत रखा जायेगा ।
सीपिया 200- दुवली-पतली, गोरी और शीतप्रधान स्त्रियों के प्रथम मासिक में विलम्ब की श्रेष्ठ दवा है ।
पल्सेटिला 30- मोटी, श्यामवर्ण और उष्णप्रधान स्त्रियों के प्रथम मासिक में विलम्ब की श्रेष्ठ दवा है ।
अस्टिलेगो Q- जबकि रोग का वास्तविक कारण ज्ञात न हो, रोग पुराना हो चुका हो, रात को पसीना आये, बॉये डिम्बाशय में दर्द हो, प्रदर आयेइन लक्षणों में इस दवा की 5-5 बूंदें प्रतिदिन तीन बार देनी चाहिये ।
एकोनाइट3x, 30- सूखी-ठण्डी हवा के कारण रोग पैदा हुआ हो, तलपेट में तेज दर्द हो, रोगिणी को अत्यन्त भय लगे, रोगिणी भीड़ में न जाना चाहती हो- इन समस्त लक्षणों में प्रयोग करनी चाहिये ।
बेलाडोना 30- सिर-दर्द, चक्कर आना, चेहरा व ऑखें लाल, ठण्ड लगना, धूप में आराम मिलना, मानसिक कष्ट आदि लक्षणों में लाभ करती है ।
सेनिसियो Q- प्रथम मासिक में विलम्ब हो अथवा एक-दो बार मासिक होकर फिर बन्द हो जाये तो इन लक्षणों में लाभकर है ।