Mind Rubrics of COCCULUS INDICUS
COCCULUS INDICUS के रोगी में आप पाएंगे “Recognises reality & accepts” इसका अर्थ है COCCULUS INDICUS का रोगी असलियत को पहचान कर हालात से समझौता कर लेता है। बिना किसी से मन मुटाव के वो खुद को ही समझा लेता है। यह Cocculus का मुख्य बिन्दु है। अगर आपने रोगी की सही भावना ढूंढ ली है तो वह कभी भी फेल नहीं होता। अगर वो Cocculus का रोगी है तो चाहे सौ डाक्टर एक साथ बिठा दो वो Cocculus ही निकालेंगे।
मरीज हर बात में असलियत को पहचान कर समझौता कर लेता है। गुस्सा आएगा पर, कहेगा कुछ नहीं क्योंकि वो सोचता है, एक कहुँगा, चार सुनूंगा, क्या फायदा। लड़ाई का क्या है, जितनी मर्जी बढ़ा लो, नतीजा तो बुरा ही होता है। मेरे बोलने से बेटा, बहू या पत्नि ने कौन सा बदल जाना है। चुप ही भली, बोल कर अपने आप को ही तंग करना है। अपना ही दिमाग खराब करने वाली बात है। रोगी सोचता है कि अगर कहेंगे तो दूसरे का दिल दुखाएंगे, साथ में खुद को भी तंग करेंगे, फिर दूसरा भी गलत बोलेगा तो अपना भी दिल दुखेगा।
यदि रात को तकलीफ हो तो किसी को उठाता नहीं है। यह सोचकर कि वो लोग सारे दिन के थके हुए हैं। उनकी नींद क्यूँ खराब करनी। खुद तो हम मुसीबत में हैं दूसरों को क्या मुसीबत में डालना। अपने आप ही उठ कर चाय बना लेना, दवाई ले लेना, किसी को बोलना नहीं। परन्तु दूसरों की बीमारी में खुद रात भर जाग लेना, दूसरों की देखभाल करना, चाहे खुद बीमार हो जाये।
बेटा या बेटी रुखा बोले तो उदास हो जाना, पर बोलना कुछ नहीं। चुप कर जाना, सोचना, क्या फायदा बोलने का।
अपने आस-पास के माहौल से, पैसों से, बिज़नेस से संतष्ट होता है। सोचता है जो उसके पास है बहुत है। गुज़ारा अच्छे से चल रहा है और ज्यादा क्या करना है। अपने आस-पास के लोगों के प्रति आदर-सत्कार की भावना होती है।
बच्चा जिसे बुखार हो गया तो भी खेलते-फिरते रहना। जब बुखार ज्यादा महसूस होगा तो आराम से अकेला ही पड़ा रहेगा। अगर मम्मी-पापा के पास समय है तो पास बैठ जायेगा नहीं तो तंग नहीं करेगा या कहेगा कि कोई बात नहीं, उन्होंने काम भी तो करने हैं। जब बुखार उतर गया तो उठकर खेलने लग जाएगा।
यह COCCULUS INDICUS का मानसिक भावना है।
Video On COCCULUS INDICUS
तबीयत का मिचलाना (Nausea or Vomiting) समुद्र की यात्रा, गाड़ी, ट्रैम गाड़ी, नाव या रेल गाड़ी में चढ़ने से या चलती हुई नाव की तरफ देखने से, यदि जी मिचलाय तो काक्कूलस मुख्य औषधि है। गाड़ी पर चढ़ कर घूमने से मिचलाहट में कमी होना नाइट्रिक ऐसिड का लक्षण है ।
समय से अति शीघ्र गति (Time passes too quickly) रोगी ख्याल है कि समय बहुत जल्दी-जल्दी गुजरता जाता है, यह इस औषधि का एक विशेष लक्षण है। समय बीतता ही नहीं, ऐसा ख्याल होना अर्जेन्टम और कैनैबिस इन्डिका में है।
दुष्परिणाम (Bad effects) – नींद के न आने, मानसिक उत्तेजना और रात के जागने का दुष्परिणाम क्रोध और शोक का बुरा फल इस औषधि से दूर होता है।
सिर दर्द (Headache) – दर्द गुद्दी में और गर्दन के पीछे और रीढ़ तक फैलता है, मानों सिर रस्सी से जकडा हुआ है, जी की मिचलाहट के साथ, मानो समुन्द्र पर है; रजोर्धम के दिनों में, सिर को चित्त करके लेटने से रोग में वृद्धि हो, तो यह औषधि उपयोगी है ।
काल्चिकम में पकते हुए खाने की बास अगर नाक में जाय, तो जी मिचलाता है, काक्कूलस में भी यह लक्षण है।
काक्कूलस रोगी बहस पसंद नहीं करता (Cannot bear contradiction) जरा ही देर में छोटी-छोटी बातों से नाराज हो जाता है और जल्दी जल्दी बात करता है।
ऋतुस्राव के दिनों में दुर्बलता (Weakness during menstruation):- रजोर्धम के दिनों में दुर्बलता इस कदर अधिक होती है कि रोगिणी खड़ी नहीं हो सकती या जोर से बोल तक नहीं सकती, ऋतुस्राव के दिनों में इस तरह की दुर्बलता कार्बो-ऐनिमैलिस में भी है, मगर अत्यन्त स्राव (खून के निकलने) के कारण ही कार्बो-ऐनि में दुर्बलता होती है। काक्कूलस की दुर्बलता सारे नसों की (Nervous weakness) कमजोरी से होती है । काक्कूलस में कार्बो-ऐनिमैलिस की तरह खून बहुत नहीं जाता, बल्कि रजोधर्म के दिनों में या बाद को खून के अतिरिक्त मांस के धोये हुए पानी की तरह Leucorrhoea इस का प्रधान लक्षण है।
अत्यंत कब्जियत के साथ नाभि की अंत्रवृद्धि (Umbilical Hernia ) में नक्स वोम से फल न हो, तो इस औषधि से विशेष उपकार होता है।
सम्बन्ध (Relations) – तुलना करो: ताण्डव रोग (Chorea – जिसमें हाथ पैर ऐंठते हों) और पक्षाघात के लक्षण में इग्ने और नक्स-वोम के साथ, रोगाक्रान्त स्थान पर अधिक पसीना होने पर ऐन्ट-टार्ट के साथ।
Followed by – आर्स, बेल, हिप्पर, नक्स, पल्स, सल्फ।
विषक्रिया नाशक (Antidotes) – कैम्फ, कैमों, क्यूप्रम, इग्ने, नक्स।
वृद्धि (Aggravation) – खाने, पीने, सोने, तमाखू पीने, बातचीत करने, गाड़ी की सवारी, हरकत, या जहाज के चलने और सगर्भावस्था में उठने से।
मात्रा (Dose) – तीसरी से तीसवीं शक्ति।