[ पीपल की छाल से बनती है। ] – यह प्रायः पाकस्थली, मुख, फुसफुस, नाक, मलद्वार, स्त्री-जननेन्द्रिय इत्यादि सब स्थानों के रक्तस्राव की उत्तम दवा है। इसके सेवन से बहुत तरह का रक्तस्राव में आराम होता है। जरायु और मूत्राशय से रक्तस्राव, चमकीले काल रंग के खून की कै, उसके साथ मिचली, पेट में दर्द और बेचैनी मालूम होना, कष्टदायक श्वास-प्रश्वास, खाँसने के समय खून निकलना और रक्त-वमन, नाड़ी की कमजोरी, माथे में जलन, सिर में चक्कर आना, सिर दर्द इत्यादि में उपयोग होता है।
रक्त का रंग चमकीला लाल, ध्वजभंग, रतिक्रिया की इच्छा प्रबल, किन्तु शक्ति की कमी में इससे लाभ होता है।
इस दवा को कोई-कोई फिकस विनासा या पर्कटी कहते हैं। पर्कटी ( वट की जाति का वृक्ष ) में भी रक्त रोकने का गुण है।
एकालिफा इण्डिका, मिलिफोलियम, थ्लैस्पि वर्सा पैस्टोरिस, इपिकाक से इसकी तुलना की जा सकती है।
मात्रा – पहली शक्ति ।