प्रकृति – गर्म, खुश्क, रूखापन और बादी करने वाली होती है।
अँगुलियों को सूजन – सर्दी से अँगुलियों में सूजन हो तो मटर उबालकर उस पानी में एक चम्मच तिल का तेल डालकर अँगुलियों का सेंक करें। फिर इसी पानी से धोयें। सूजन मिट जाएगी।
सौंदर्यवर्धक – मटर उबालकर उसे पीसकर शरीर पर मलें। रंग गोरा निखर जायेगा।
दाह – शरीर में कहीं भी दाह, जलन हो, हरी मटर पीसकर लेप करें।
कब्ज़ – कच्ची मटर खाने से कब्ज़ दूर हो जाता है। मटर स्त्रियों का दूध बढ़ाता है। माहवारी की रुकावट को दूर करता है। मटर खाने से रक्त और माँस बढ़कर शरीर मोटा होता है। मटर प्रोटीन का उत्तम साधन है। 250 ग्राम मटर के दाने कच्चे खाने से प्रोटीन उचित मात्रा में प्राप्त हो जाता है।
अरबी के फायदे
प्रकृति – ठण्डी और तर।
गुर्दे के रोग, गुर्दे को कमजोरी अरबी खाने से दूर होती है।
उच्च रक्तचाप अरबी खाने से कम होता है।
त्वचा का सूखापन और झुर्रियाँ भी अरबी दूर करती है। सूखापन चाहे अाँतों में हो या श्वास-नली में, अरबी खाने से लाभ होता है।
हृदय रोग के रोगी को अरबी की सब्जी 25 ग्राम एक बार प्रतिदिन खाते रहने से लाभ होता है।
दूध-वृद्धि – जच्चा महिलाएँ अरबी की सब्जी खायें तो बच्चे को पिलाने के लिए दूध बढ़ जायेगा।
अरबी की सब्जी बनाकर खायें। इसकी सब्जी में गर्म-मसाला, दालचीनी और लौंग डालें। जिनके गैस बनती हो, गठिया और खाँसी हो, उनके लिए अरबी हानिकारक है।
भिंडी के फायदे
भिंडी बहुत पौष्टिक सब्जी है। यह लोहा तथा बी-कॉम्पलेक्स समूह के विटामिनों समेत कई खनिजों का अच्छा स्रोत है। इसमें प्रोटीन अधिक होता है। कहते हैं कि पकाने पर भिडी का विटामिन ‘ए’ नष्ट नहीं होता, लेकिन विटामिन ‘सी’ नष्ट हो जाता है। इसकी सब्जी में पोटेशियम, फॉस्फोरस, आयोडीन आदि बहुतायत में पाए जाते हैं। कच्ची भिंडी पर नीबू निचोड़कर, मसाले डालकर खाने में अच्छी लगती है।
पेशाब में जलन – भिंडी की सब्जी खाने से पेशाब की जलन दूर हो जाती है। पेशाब साफ और खुलकर आता है।
पेचिश – पेचिश में भिंडी की सब्जी खाना लाभदायक है। इससे अाँतों की खराश दूर होती है।
स्पॉण्डीलाइटिस, प्रोस्टेट वृद्धि में नित्य शाम को भोजन में भिंडी की सब्जी खायें। भिंडी को अधिक नहीं पकाएँ।