आज के समय में बीड़ी-सिगरेट पीना एक फैशन-सा बनता जा रहा है। अधिकांश लोग यही कहते हैं कि बीड़ी-सिगरेट पीने से तनाव से छुटकारा मिल जाता है। कुछ लोग तो ऐसे भी होते हैं जो चेन-स्मोकर होते हैं अर्थात् एक सिगरेट बुझने से पूर्व दूसरी जला लेते हैं और इस प्रकार लगातार पीते रहते हैं । वास्तव में, सिगरेट आदि का सेवन अत्यन्त हानिकारक होता है। इसका नियमित सेवन करने से फेफड़े और हृदय की कार्य-क्षमता घट जाती है, पाचन-तंत्र ठीक प्रकार से कार्य नहीं कर पाता है, शरीर के स्नायु शिथिल तपेदिक जैसी बीमारियाँ होने लगती हैं और अंत में कैंसर तक हो सकता है । अतः सिगरेट की बुरी लत से दूर ही रहना चाहिये । अगर यह लत लग गई हो तो इसे छोड़ने का प्रयास करना चाहिये । यहाँ पर इस समस्या का उपचार प्रस्तुत है
कल्केरिया फॉस 6x- सिगरेट के आदी व्यक्ति को यह दवा प्रतिदिन चार बार देनी चाहिये- इस प्रकार लम्बे समय तक देनी चाहिये । इसके साथ ही, नैट्रम म्यूर 200 प्रति सप्ताह केवल एक मात्रा के हिसाब से कुछ सप्ताह तक देनी चाहिये । इस प्रकार इलाज करने से सिगरेट पीने की आदत छूट जाती है। कुछ विद्वान नैट्रम म्यूर के स्थान पर कैलेडियम देने को कहते हैं जबकि कुछ विद्वान सल्फर देने को कहते हैं ।