बाल झड़ने के कारण ( baal jhadne ke karan ) : बाल झड़ने की बीमारी हो जाने पर प्रारंभ में बाल धीरे – धीरे गिरते हैं लेकिन बाद में यही बीमारी ऐसी बढ़ जाती है की बाल ज़्यादा मात्रा में गिरने लगते हैं और व्यक्ति गंजा होने लगता है। यह रोग बालों की जड़ें कमजोर हो जाने के कारण होता है। बालों की जड़ें शरीर में पौष्टिक तत्वों की कमी, अत्यधिक शारीरिक श्रम, अति भोग-विलास आदि से कमजोर हो जाती हैं।
बाल झड़ने की दवा ( bal jhadne ka homeopathic ilaj )
गंजेपन में एसिड फॉस 30 – साधारणतः बिना किसी विशेष कारण के बाल झड़ने से लाभ करती है।
गंजेपन में सेलेनियम 30, 200 – यह दवा भी बिना किसी विशेष कारण के बालों के झड़ने में लाभप्रद है।
गंजेपन में वाइजबेडन 200 – यदि बाल अत्यधिक गिरते हों और उनके गिरने का कोई भी कारण समझ में न आ सके तो इस औषधि को देना चाहिए।
बेलाडोना ( Belladonna ) का गुण, लक्षण और उपयोग पढ़ें।
गंजेपन में चायना 6, 30 – किसी भी कारण से शरीर से अत्यधिक मात्रा में रस – रक्त निकल जाने के कारण बाल झड़ने लगे हों तो इस दवा के सेवन से लाभ होता है। जरुरत प्रतीत हो तो सप्ताह में एक बार कार्बोवेज 200 भी दे सकते हैं।
गंजेपन में कार्बोवेज 30, 200 – यदि किसी लम्बी बीमारी के बाद या प्रसव आदि के बाद बाल झरते हों तो यह दवा देनी चाहिए।
गंजेपन में बैसिलिनम 200 – यदि बाल चकत्ते बन -बनकर गिरते हों और सिर या ढाढ़ी-मूछों से भी गिरते हों तो इस दवा का प्रयोग लाभकर है।
गंजेपन में सीपिया 30 – यदि स्त्रियों के बाल माहवारी के समय या गर्भावस्ता में झड़ते हों तो यह दवा देनी चाहिये। इसके साथ ही फैरम मेट 3x देना भी लाभप्रद रहता है।
एकोनाइट (Aconite Nap) का गुण, लक्षण और उपयोग पढ़ें।
गंजेपन में नाइट्रिक एसिड 30, 200 – यदि जननेन्द्रियों के बाल झरतें हों तो इसके प्रयोग से लाभ होता है। वैसे इस समस्या में सेलेनियम 30 भी अच्छा काम करती है।