सिर-दर्द के अनेक कारण होते हैं जैसे – पेट की खराबी, नींद का पूरा न होना, खसरा, फ्लू, बुखार, आँखों की कमजोरी, गर्मी या लू लग जाना, विषाक्त पदार्थ खा लेना, मानसिक कष्ट आदि। इस रोग में सिर व माथे में दर्द होता है ।
सिर दर्द की होमियोपैथी दवा ( sir dard ki medicine )
सिर दर्द में बेलाडोना 30 – यह दवा यूरोप में पैदा होने वाले वृक्ष से बनायी जाती है। इसकी क्रिया शरीर के दाहिनी ओर तथा मस्तिष्क एवं स्नायु – ग्रन्थियों पर प्रधान रूप से होती है। सर दर्द में प्रायः इसी दवा का प्रयोग अधिकतर किया जाता है परन्तु इसका सिर दर्द हथौड़े मारने की तरह होता है अर्थात ऐसा लगता है जैसे की सिर फट जायेगा। सिर दर्द झुकने एवं झटका लगने से बढ़ता है । ललाट के दोनों तरफ की रगों में यह दर्द अधिक रहता है। सिर भारी मालूम होता है। आँखे लाल हो जाती है। आँखे बंद करके रोगी चुपचाप पड़ा रहता है। हिलने डुलने से दर्द बढ़ जाता है।
इस दवा का एक और विशेष लक्षण है – दर्द शरीर के किसी भी भाग में क्यों न हो, अगर बिजली की भाँति अचानक चमककर उसी क्षण चला जाता जाता है तो बेलाडोना का व्यवहार अत्यधिक लाभकारी है ।
सिर दर्द में नक्सवोमिका 30 – यह दवा कुचला के बीज से तैयार की जाती है। मलबद्धता या कब्जियत के कारण सिर दर्द का होना इसका मुख्य लक्षण है। जिन वक्तियों का पेट साफ़ नहीं रहता और इसी वजह से उनके सिर में दर्द बना हो, खट्टी डकारें आती हों, पेट में भारीपन रहता हो तो यह दवा लाभप्रद है। सिर में चक्कर आना, नेत्रों के ऊपर दर्द, अत्यधिक शराब पीने या धूम्रपान से सिर दर्द, चाय कॉफी इत्यादि के सेवन के कारण सिर दर्द हो तो यह दवा अवश्य ही प्रयोग करनी चाहिये। इसमें रोग वृद्धि सुबह ही होती है। इस दवा का सेवन कुछ दिनों तक नियमित रूप से रात्रि में करने पर पुराने से पुराना सिर दर्द ठीक हो जाता है।
सिर दर्द में आर्जेन्टम नाइट्रिकम 30, 200 – यह दवा रासायनिक योग कास्टिक, नाइट्रेट ऑफ सिल्वर से बनती है। मानसिक श्रम के कारण सिर दर्द तथा आँखों में जलन, ऊँचे मकान इत्यादि को देखने से चक्कर आना, सिर का बड़ा होना, सिर दर्द में सिर कसकर बंधने से आराम मिलता हो, कानों में दपदपाहट की आवाज़ अ सुनाई देना, रोगी को खुली हवा में आराम एवं गरम हवा में कष्ट महसूस होना इसके प्रमुख लक्षण हैं।
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सिर दर्द में नैट्रम मयूर 30, 6x – इसका रासायनिक नाम सोडियम क्लोराइड है। सिर में पढ़ते समय दर्द, प्रातः उठते समय पलकों का चिपकना, सिर की चोट के कारण मस्तिष्क का ख़राब हो जाना, सिर दर्द के साथ आँसू आना, सुस्ती एवं आलस्य का बना रहना, कब्ज़ मासिक के समय लड़कियों का सिर दर्द, लू लगने एवं गर्मी के कारण सिर दर्द, शरीर से अत्यधिक खून या तरल पदार्थों के निकल जाने के कारण सिर दर्द, परिश्रम का अभाव, अत्यधिक नींद, अधिक नमक के सेवन से उत्पन्न दोष इत्यादि में यह दवा प्रभावकारी है। डॉ एलेन कहते हैं कि इसकी 30 शक्ति से अधिक की शक्ति अधिक शीघ्रता से आरोग्य करती है।
सिर दर्द में एमिल नाइट्रेट Q, 3x – यह एक रासायनिक योग एमिल, एल्कोहल और नाइट्रिक एसिड से तैयार है। कहीं कहीं इस दवा को एमिलेनम नाइट्रोसम भी कहा जाता है। यह पुराने सिर दर्द की प्रमुख दवा है। रोगी को ऐसा लगता है की उसका सिर फूला हुआ है। सिर में भारीपन एवं दर्द बना रहना, चेहरे का रंग लाल होना, सिर दर्द अ अचानक होना प्रमुख लक्षण है। दिल की धड़कन बढ़ जाती है। लू लगने से सर में पीड़ा, मासिक स्राव के समय सिर के बाँये भाग में दर्द रहना, सूर्योदय के समय सिर दर्द शुरू होकर सूर्यास्त तक बना रहना और बाद में घट जाना आदि प्रमुख लक्षण है। कुनैन एवं क्लोरोफॉर्म के दुष्प्रभाव के कारण होने वाले सिर दर्द में यह अचूक दवा है। दर्द की अवस्था में इसके 3x क्रम को सुंघाने एवं मदरटिंक्चर को देने से अच्छे परिणाम मिलते हैं।
सिर दर्द में इग्नेशिया 30, 200 – इस दवा को फिलीपींस, चीन तथा कोचीन में पाये जाने वाले झाड़ीदार पौधे के बीज से तैयार किया जाता है। सिर में तीव्र दर्द जैसे कि किसी ने कनपटी में कील ठोंक दी हो, दर्द के स्थान को दबाकर सोने पर दर्द में कमी, आँखों में दर्द, शोक की अवस्था, मानसिक पीड़ा, स्थान बदलने वाला सिर दर्द, विशेष स्थान की तरफ अधिक देर तक देखते रहने से होने वाला सिर दर्द आदि लक्षण में अत्यंत लाभप्रद है।
इस दवा का विशेष लक्षण यह है की वयक्ति अपने दुःखों को किसी अन्य वयक्ति के समक्ष प्रकट नहीं कर पाता, मंन में ही रखता है। इस लक्षण के साथ सिर दर्द होने पर यह एक सफल दवा है ।
सिर दर्द में काली फॉस 30, 200, 6x – पोटेशियम हाइड्रेट अथवा कार्बोनेट को पर्याप्त मात्रा में फॉस्फेरिक एसिड के साथ मिलाने पर प्रतिक्रिया स्वरुप पानी उड़ाकर इसे बनाया जाता है। इसकी क्रिया मानसिक एवं स्नायु कोषों पर रक्त कणों के पोषण पर अधिक होती है। अतः मानसिक कारणों से जो रोग होते हैं उनमे यह अत्यधिक प्रभावी औषधि है।
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अनिद्रा के कारण होने वाले सिर दर्द में लाभकर है। दर्द सिर के पिछले भाग में अधिक होता है। मस्तिष्क में मन्द-मन्द दर्द होता है, आलस्य तथा थकान का अनुभव होता है। रतिक्रिया के बाद कमजोरी एवं सिर में हल्के हल्के दर्द के साथ सिर में कमजोरी, आँखों में अँधेरा सा छा जाना, मस्तिष्क की रक्तहीनता, मस्तिष्क में धक्का लगना इत्यादि रोगों में यह अत्यंत प्रभावकारी दवा है। यहाँ तक की यह विद्यार्थियों के सिर दर्द एवं जो व्यक्ति लिखने का या बारीक़ काम आँखों से करते हैं उनके सर दर्द में भी यह कारगर सिद्ध हुई है। अन्य कारणों से होने वाले सिर दर्द में भी इसका व्यवहार होता है।
स्त्रियों के ऋतु काल में होने वाला सर दर्द एवं कानो में भनभनाहट की आवाज़ सुनाई पड़ना, नज़र कमज़ोर होने से सिर दर्द, डर का भाव बना रहना, नजदीक के वस्तुओं का स्पष्ट दिखाई न पड़ना, किसी शोक या अन्य कारणों से मानसिक तनाव के साथ नींद न आना एवं सिर दर्द में यह दवा लाभदायक है।