इस लेख में हम हाई ब्लड प्रेशर की समस्या को ठीक करने की होम्योपैथिक दवा के बारे में जानेंगे।
ह्रदय की प्रत्येक धड़कन के समय जो अधिकतम दबाव (प्रेशर) होता है, उसे ‘सिस्टोलिक प्रेशर’ कहा जाता है, जिसमें हार्ट के निचले भाग के कोष में आकुंचन होता है। दो धड़कनों के मध्य काल का जो समय होता है, उस वक्त कम-से-कम जो प्रेशर होता है, उसे ‘डायस्टोलिक प्रेशर’ कहते हैं। इन्ही दोनों के संतुलित प्रेशर को ‘ब्लड-प्रेशर’ कहा जाता है। आम तौर से शिशु का रक्तचाप 80/50 mmHg ( millimetres of mercury ), युवकों का 120/80 mmHg और वृद्धों का 140/90 mmHg होना सामान्य स्थिति होती है। इसमें पहली बड़ी संख्या सिस्टोलिक और दूसरी छोटी संख्या डायस्टोलिक प्रेशर की मानक होती है। एक सामान्य फार्मूला यह भी समझा जाता है कि अपनी आयु के वर्षों में 90 जोड़ लीजिए। योगफल के आस-पास ही आपका सामान्य सिस्टोलिक प्रेशर होना चाहिए।
हाई बीपी के रेंज को समझ लें :-
- IF Systolic is less than 120 and diastolic is less than 80 – Your blood pressure is normal.
- IF Systolic is 120 – 129 and diastolic is less than 80 – you don’t have high blood pressure. However, your numbers fall within the Elevated category
- IF Systolic is 130 – 139 or diastolic is 80 – 89 – first stage of hypertension, जरुरत है lifestyle में change लाएं, exercise करें।
- IF Systolic is 140 or higher or diastolic is 90 or higher – Stage 2 Hypertension, इसमें दवा, lifestyle में change और exercise की जरुरत है।
- IF Systolic is higher than 180 OR diastolic is higher than 120 – Hypertensive crisis category and requires immediate attention
अब मैं होम्योपैथिक दवा की चर्चा करूँगा कि कौन सी दवा से उच्च रक्तचाप की समस्या को ठीक किया जाता है :-
Rauwolfia Serpentina Q – यह उच्च रक्तचाप की अत्युत्तम दवा है । यह दवा मूत्र-वृद्धि करके रक्तचाप को नियन्त्रित करती है । इस दवा का नियमित सेवन करने से यह रोग निश्चित रूप से नष्ट हो जाता है । प्रायः प्रत्येक लक्षण में यह दवा दी जा सकती है । इस दवा की 10 बून्द आधे कप पानी में डाल कर दिन में 3 बार पीना है।
Crataegus Q – यह दवा भी उच्च रक्तचाप को नियन्त्रित करती है । कमजोरी आ जाये, हाथ-पैर ठण्डे पड़ जायें, नब्ज तेज चले, साँस भी अनियमित हो जाये, जरा सी मेहनत से धड़कन बढ़ जाए, नींद न आये तो ऐसे में इस दवा की 10 बून्द आधे कप पानी में डाल कर दिन में 3 बार पीना है।
Baryta Mur 3x Or 6x – यदि Systolic प्रेशर अधिक और diastolic प्रेशर काफी कम हो, तब औषधि का उपयोग लाभकारी है। मात्रा में 3x या 6x का उपयोग करें, 4 गोली दिन में 3 बार मुँह में ले कर चूसना है।
Belladonna 30 – उच्च रक्त चाप के साथ सिर-दर्द बना रहना, चक्कर आना, कनपटियों में दर्द, त्वचा गर्म, नाड़ी तेज तो यह दवा आश्चर्यजनक लाभ पहुँचाती है। रोगी का चेहरा और नेत्र लाल रहते हैं । ऐसे लक्षण पर Belladonna 30 की 2 बून्द रोजाना 2 बार लेने से उच्च रक्तचाप और समस्त लक्षण जादू की तरह ठीक हो जाता है।
Natrum Mur 200 – अगर आप नमक अधिक खाते हैं, आपको ऐसा लगता है कि ज्यादा नमक के इस्तेमाल से आपका ब्लड प्रेशर बढ़ा हुआ रहता है, क्यों कि नमक अधिक इस्तेमाल करने वालों को ऐसी समस्या हो ही जाती है तब आपको Natrum Mur 200 की 2 बून्द रोजाना कुछ दिन लेना है, तो आपकी समस्त समस्या ठीक हो जाएगी।
Glonine 30 – सारे शरीर में नाड़ी का धक्-धक् अनुभव करना, ऐसा लगना कि खून सिर में चढ़ा जा रहा है, ह्रदय में चला जा रहा है, सूर्य की गर्मी से सिर दर्द, चक्कर, हृदय में दर्द इस औषधि का लक्षण है। इसमें ऐसा लगेगा की चेहरे पर या सिर में ब्लड जमा हो गया है। आपको Glonine 30 की 2 बून्द दिन में 3 बार सेवन करना है।
Conium Maculatum 30 – बड़ी आयु के अविवाहित स्त्री-पुरुषों को उच्च रक्तचाप, मस्तिष्क में कमजोरी, स्मरणशक्ति दुर्बल, हृदय धड़कना तेज हो जाये, पैर कांपने लगे जिससे खड़ा होना कठिन हो जाये, सिर में भारीपन के साथ दर्द, चक्कर आना, शरीर की ग्रन्थियों में सूजन, कामेच्छा को दबाने या अति भोग से रोग का होना- इन लक्षणों में दें ।
यहाँ कुछ लक्षण के आधार पर मैंने दवा बताया है, जिससे लक्षण मिले उसी को आपको लेना है, अब आपको लक्षण वैसा नहीं है जैसा मैंने बताया, तो आपको
अब एक जादुई नुस्खा जिसका इस्तेमाल करना है उससे आपकी उच्च रक्तचाप ठीक हो जायेगा।
Rauwolfia serpentina Q + Crataegus Q + Passiflora Q – 10-10 बून्द तीनो दवा का आधे कप पानी में डाल कर दिन में 3 बार पीना है। तीनो दवा से आपका ब्लड प्रेशर पूरी तरह से कण्ट्रोल हो जायेगा।
मेरा कहना है कि लक्षण मिलने पर 1 दवा को इस्तेमाल करे साथ में जादुई नुस्खा का सेवन अवश्य करें।