इस लेख में हम मोतियाबिंद की समस्या को ठीक करने की होमियोपैथी दवा की चर्चा करेंगे:-
इस रोग में आँख की पुतली पर एक तरह का पानी सा उतरने लगता है जो धीरे-धीरे जमता जाता है। रोगी को ऐसा प्रतीत होता है कि उसकी पुतली पर परदा सा पड़ गया है। लगभग दो से तीन वर्ष बाद यह पानी जमकर पत्थर जैसा कठोर हो जाता है जिससे रोगी को दिखाई देना पूर्णतः बंद हो जाता है। इस अवस्था में मोतियाबिंद का एक मात्र इलाज़ ऑपरेशन ही रह जाता है अतः रोगी को प्रथमावस्था में ही इलाज़ प्रारम्भ कर देना चाहिए। जब भी आपको लगे की पुतली पर परदा जैसा पड़ गया है, और यह निरंतर बना हुआ है तो चिकित्सक के पास जाकर इलाज शुरू कर दें। अगर आपको डॉक्टर ने कहा की मोतियाबिंद आपको होने वाला है तो आप मेरी बताई दवा लेना शुरू कर दें।
Cineraria maritima eye drops – यह आँखों में डालने वाली एक पेटेंट दवा है जो अनेक लॅबोरेट्रियों ने इसी नाम से या इससे मिलते जुलते नाम से बनाई है। जैसे WSI की Cineraria Maritima Eye Drop या SBL Cineraria Maritima 10% Eye Drop या Haslab -Scm Cineraria Maritima Eye Drop ऐसे और भी हैं। सबका का Composition लगभग एक सा है तो आप किसी का भी इस्तेमाल कर सकते हैं। मोतियाबिंद रोग का प्रारम्भ होते ही इस दवा की दो दो बूँद दोनों आँखों में प्रतिदिन तीन बार के हिसाब से कई महीनो तक लगातार डालनी चाहिए। इससे मोतियाबिंद बढ़ना रुक जायेगा और जो बन चुका है वो भी काटने लगेगा। मोतियाबिंद ठीक हो जाने के बाद भी इसे दो महीने तक और डालना चाहिये। जैसे की हमने बताया कि यह दवा अनेक कम्पनियों ने बनाई है लेकिन किसी अच्छी कंपनी की बनी हुई लेनी चाहिए। धयान रखने की बात यह है कि अगर मोतियाबिन्द पुराना पड़कर पूर्णतः पक चुका हो तो इस दवा से कोई लाभ नहीं होगा। इसलिए शुरूआती लक्षणो में ही इसे इस्तेमाल करें।
Calcarea fluorica 12x – इस दवा को लेने से मोतियाबिंद में लाभ होता है। यह दवा मोतियाबिंद को कड़ा पड़ने से रोकती है। साथ ही eye drop जो मैंने पहले बताया उसे भी आँखों में डालते रहना चाहिये ।
Zincum sulph CM – कुछ चिकत्सकों का कहना है कि साधारण मोतियाबिन्द में इसकी केवल एक मात्रा ही देना लाभप्रद है। लेकिन अगर मोतियाबिंद में कॉर्निया अपारदर्शी हो जाये तो दवा की एक मात्रा अर्थात सिर्फ 2 बून्द दो-दो माह के अंतर से देना लाभप्रद है। इस प्रकार दवा देने से कॉर्निया पुनः पारदर्शक हो जाता है । जिससे मोतियाबिंद ठीक हो जाता है । इसलिए बाकी दवा के साथ zincum sulph CM पोटेंसी की 2 बून्द हर 2 महीने पर ले लिया करें। CM सबसे हाई पोटेंसी है इसलिए 45 से 60 दिन में सिर्फ 1 बार कहा जा रहा है।
मेरा अनुभव – मैंने कई पेशेंट को calcarea fluorica 12x, kali mur 12x, natrum Sulph 12x, silicea 12x – इन चारों दवाओं को दिन में चार बार प्रयोग करने से आँखों का जाला, कम दिखाई देना व मोतियाबिन्द आदि में तीन चार माह में पूरा-पूरा लाभ हो जाता है। साथ में zincum sulph CM की 2 बून्द हर 2 महीने पर ले लें। बाकी eye drop तो डालना ही है।
बहुत से डॉक्टर आँख की रोग सुनकर physostigma या santoninum इनी-गुनी दवा दे देते हैं, नेत्र ज्योति बढ़ाने का काम ये दवा करेगी पर जो पर्दा चढ़ गया है वो मेरी दवा से ही जायेगा। तो मेरी दवा का नियमित सेवन करें, उससे मोतियाबिंद की शुरूआती अवश्था ठीक हो जाएगी।