Kidney Failure का होम्योपैथिक इलाज: इस लेख में हम Kidney Failure के केस को कैसे होमियोपैथी दवाओं से ठीक किया गया, इसी के बारे में समझेंगे।
एक रोगी उम्र 54 वर्ष, Kidney Failure का एक मामला ले कर आये, उनका सीरम क्रिएटिनिन लेवल 8.64, ब्लड में यूरिया का स्तर 93 था। वे एलोपैथिक दवाइयां ले रहे थे परन्तु इससे उन्हें कोई राहत नहीं मिल रही थी और उनका क्रिएटिनिन का लेवल कम नहीं हो रहा था।
पूछे जाने पर उन्होंने बताया कि :-
मूत्र उत्पादन में कमी है, भूख में कमी है, चेहरे और पैरों पर सूजन है, उल्टी करने का मन होता रहता है, सिरदर्द, लगातार वजन में गिरावट, रोग के कारण मन काफी चिड़चिड़ा हो गया है। पसीना नहीं आ रहा था, उन्होंने कब्ज की शिकायत की, प्यास ठीक-ठीक था, देखने पर शरीर में खून की कमी और चेहरे और पैरों पर मौजूद सूजन साफ दिख रहा था। उन्होंने बताया कि उन्हें अकेले रोने की अच्छा होती है, मूत्र उत्पादन में कमी तो है ही, और एक खास बात है कि अगर कोई मुझे देख रहा होता है तो मुझे पेशाब करने में और अधिक परेशानी होती है।
आइये, अब रोगी के लक्षणों पर होम्योपैथिक – दृष्टि से विचार करते हैं। हम पहला महत्वपूर्ण लक्षण ले सकते हैं जिसके बारे में हमें यकीन है। इस लक्षण को लंगर कहते हैं, जो हमें जमीन पर उतार देगा और कई लक्षणों की धुंध में तैरने से रोकेगा।
सबसे मुख्य बात थी की इनका अकेले रोने की इच्छा और दूसरा कोई देख रहा हो तो पेशाब नहीं होता है। अब हम उन सभी लक्षणों का विश्लेषण करके एक दवा के माध्यम से सभी बिंदुओं को जोड़ने का प्रयास करेंगे।
रोगी को डिप्रेशन, चिड़चिड़ापन और अकेले में रोने की इच्छा होती है – इसकी टॉप ग्रेडेड दवा है, Natrum Mur
पूछे जाने पर उन्होंने बताया कि जब मैं रो रहा होता हूँ उस समय अगर कोई सांत्वना दे तो गुस्सा आता है – यह लक्षण, Natrum Mur और ignatia में है।
आगे के लक्षण में सिरदर्द ऐसा कि कोई हथोड़े से मार रहा हो – यह लक्षण काफी दवाओं में है – Natrum Mur, Sulphur, belladonna, Ferrum met, lachesis, Coffea cruda
खून की कमी, थोड़े परिश्रम से थक जाना, चिड़चिड़ाहट, थोड़ी बात पर गुस्सा आ जाना – यह लक्षण काफी दवाओं में है – Natrum Mur, arsenic, Calcarea, lachesis आदि है।
लक्षणों का अध्ययन करने के बाद, हम देखते हैं कि Natrum Mur रोगी के सभी क्षेत्रों जैसे मानसिक स्थिति और शारीरिक लक्षण को कवर करती है।
Natrum mur 1000 एक खुराक और Saccharum Lactis ( सेकरम लेक्टिस ) की 2 बून्द दिन में 2 बार लेने को कहा।
यहाँ मैं Saccharum Lactis के बारे में बताना चाहूंगा कि यह मूत्र वर्धक दवा है। किडनी की खराबी और Kidney Failure के मामले में यह बहुत अच्छा काम करता है। किडनी की दवाओं में यह दवा बहुत ही महत्वपूर्ण है। ज्यादातर होमियोपैथ इसका इस्तेमाल नहीं करते, जबकि किडनी के मामले में बहुत ही उत्तम काम करता है।
दवा लेने के एक महीने बाद रोगी बहुत बेहतर महसूस कर रहा था, उसकी सिरदर्द, मतली उल्टी जैसी शिकायतें कम हो गईं, मूत्र उत्पादन में वृद्धि के साथ सूजन में भी कमी देखी गई। उनके भूख में भी धीरे-धीरे सुधार होने लगा।
3 महीने में उनके क्रिएटिनिन का स्तर 8.64 से 2.6 हो गया, और ब्लड में यूरिया का स्तर 93 से घटकर 39 हो गया।
यह केस दिखाता है कि कैसे Kidney Failure के रोगियों को होम्योपैथी से कुशलतापूर्वक ठीक किया जा सकता है।