बरसात में अक्सर हमें बहुत सारी बीमारियां हो जाती है, आइये आज हम जानते है वो कौन-कौन सी बीमारियां है जो बरसात के मौसम में हो सकती है, और कैसे हम उनसे बचें एवं उसकी होम्योपैथिक दवा कौन-कौन सी है।
बरसात में होने वाली सबसे कॉमन बीमारी है वह है सर्द गर्म
बरसात में अक्सर हम बाहर जाते हैं, बारिश में लोग भींगते है और हमें भींगने के कारण छींके आती है, सर्दी हो जाती है, कफ की समस्या उत्पन्न हो जाती है, हल्की सी बुखार की समस्या हो जाती है, कभी कभी बदन दर्द भी होने लगता है, सर फटने लगता है, तो आमतौर पर बरसात में होने वाली यह बीमारी सर्द और गर्म, बारिश में भींगने के कारण होती है, यह सभी उम्र के व्यक्तियों को हो सकती है, तो हमें बस ये करना है कि हमें बरसात में भींगने से बचना है, पहली बारिश में भींगने से बचें, रेनकोट वगैरह पहन के बाहर निकले, छाता का उपयोग करें, बच्चों को भीगने से बचाये।
सर्द और गर्म से बचने के लिए हमारे होम्योपैथिक में बहुत ही साधारण सी दवा है, Dulcamara 30 Ch, यह दवा सर्द और गर्म में होने वाली बीमारियों से बचने के लिए काफी असरदार दवा है। वयस्क लोग इसे 2 बून्द दिन में 4 बार, सुबह, दोपहर, शाम और रात को ले सकते हैं। बच्चें के लिए 1 बून्द दिन में 4 बार, सुबह, दोपहर, शाम और रात को ले सकते हैं।
Dulcamara बहुत ही असरदार दवा है, इसके साथ आप Eupatorium Perfoliatum 30 Ch पोटेंसी में इस्तेमाल करिये। इस दवा की 2 बून्द दिन में 3-4 बार इस्तेमाल कर सकते हैं, यह बुखार के लिए बहुत ही असरदार दवा है।
एक और दवा है जिसका नाम है, Aconitum Napellus 30 Ch, अगर आप बरसात में तुरन्त निकले और इसके कारण आपको सर्द गर्म हो गया है, सर्दी जैसे महसूस हो रही है, हल्का बदन दर्द हो रहा है तो यह दवा तुरंत ठीक करने के लिए बहुत ही असरदार है। इसे इस्तेमाल करने के लिए 1 बून्द दिन में 4-5 बार इस्तेमाल कर सकते हैं, यह सर्द और गर्म के लिए बहुत ही असरदार दवा है !
बरसात में सबसे ज्यादा बीमारी मच्छर के काटने के द्वारा होती है, जैसे कि मलेरिया, चिकनगुनिया, डेंगू यह तीन बीमारी अक्सर बरसात में होने वाली बीमारियां हैं। मलेरिया, बरसात में होने वाली सबसे आम बीमारियों में से एक है । यह रोग मादा एनोफेलस मच्छर के काटने से होती है, चूँकि बरसात में अक्सर पानी जमने की समस्या होती है जिस कारण मच्छरों को इसमें प्रजनन की अनुकूल स्थितियां मिल जाती है । मलेरिया में नियमित अंतराल पर बुखार, कंपकंपी, मांसपेशियों में दर्द और कमजोरी के लक्षण देखें गए हैं ।
इसलिए मच्छर से बचें, मच्छरदानी का उपयोग रात को सोते समय अवश्य करें, घर में ऑलआउट या मच्छर भगाने वाली दवाओं का उपयोग करें और जितना हो सकें मच्छर के काटने से बचें, आप यह भी सुनिश्चित करें कि आपके क्षेत्र में पानी तो कहीं जमा हुआ नहीं है, घर के नजदीक के नालियों में DDT दवाओं का छिड़काव करें, साफ-सफाई का घर मे ध्यान रखें।
इस बीमारी के लिए आप होम्योपैथिक दवा का इस्तेमाल कर सकते हैं, मलेरिया के लिए Malaria officinalis 200 CH को इस्तेमाल कर सकते हैं, 2 बून्द सुबह-सुबह इसे ले, इसे पहले दूसरे और तीसरे दिन सुबह-सुबह 2 बून्द इस दवा का सेवन करना है।
डेंगू एक और गंभीर बीमारी है जो बरसात के दिनों में मच्छरों के कारण होती है। डेंगू में अचानक ठंड, तीव्र सिरदर्द, मांसपेशियों और रीढ़ की हड्डी में दर्द, उल्टी, स्वादहीनता, कमजोरी, सूखी जीभ, कब्ज, लाल आंख, चेहरे पर फुफ्फुस और बुखार के साथ शुरुआत होती है। बुखार 102 से 105 डिग्री तक हो सकता है, जो 5-7 दिनों तक रहता है।
सावधानियां : डेंगू से बचने के लिए ऑल आउट और क्रीम का उपयोग करें। मोजे के साथ पूर्ण आस्तीन करके शर्ट और फुल पैंट पहनें। मच्छर काटने से बचने के लिए दिन के दौरान बुजुर्ग, वयस्कों और छोटे बच्चों को सोने के लिए मच्छरदानी का उपयोग करें ।
डेंगू में आप EUPATORIUM PERFOLIATUM 200 CH, 2 बून्द दिन में 2 बार, सुबह-शाम के अंतराल पर इस्तेमाल कर सकते हैं।
मानसून में होने वाली बीमारियों में चिकनगुनिया भी एक है जो वायरल संक्रमण के कारण होता है, इसमें आपको जोड़ो के दर्द के साथ हाई फीवर (उच्च बुखार), जोड़ो में सूजन होते हैं, इसमें आपको भूख ना लगना, मतली, उल्टी, सर दर्द और पीठ दर्द भी होते हैं । इस संक्रमण में होने वाला बुखार आमतौर पर 4 दिनों के भीतर ठीक हो जाता है, लेकिन कुछ लोगों का जोड़ो का दर्द ठीक होने में हफ़्तों, महीनों और सालों भी लग जाते हैं ।
चिकनगुनिया में आप EUPATORIUM PERFOLIATUM 200 CH, 2 बून्द दिन में 2 बार ले सकते हैं, इसके साथ-साथ RHUS TOX 200 पोटेंसी में 2 बूंद सुबह और 2 बून्द शाम को इस्तेमाल करना चाहिए।
डायरिया (दस्त) और कॉलरा, दूषित भोजन, दूषित पानी और अस्वच्छता के कारण होता है, ये दोनों बीमारी बहुत ही खतरनाक है, डायरिया में लूज मोशन बहुत ज्यादा होते हैं, अगर आप पानी नहीं पी रहे हैं तो आपको चक्कर भी आ सकता है।
कॉलरा में भी लूज मोशन होते हैं, साथ में उल्टी भी होती है, और डिहाइड्रेशन के कारण बहुत सारी परेशानी होती है।
इन दोनों बीमारियों से आखिर कैसे बचें ? बहुत ही साधारण सा तरीका है, आप जो बरसात में खाना खाते हैं, खाना पकाने से पहले हाथों को अच्छे से धोएं, बर्तन साफ रखें, सब्जियों और खाने की चीजों को आप अच्छे से धोएं, पकाए और स्वच्छ हाथों से खाएं। बाहर खाने से बचें, होटल, ठेले पर का खाना ना खाएं, पानी को उबालकर पियें।
डायरिया के लिए होमियोपैथी में 3 दवा है :-
1. ARSENIC ALBUM 30 CH – अगर आपको हल्का सा विषाक्त भोजन के कारण डायरिया (दस्त) हो जाता है या पेट खराब हो जाता है, तो यह दवा बहुत ही कारगर है, इसे आप 2 बून्द सुबह, 2 बून्द दोपहर और 2 बून्द रात को इस्तेमाल करें। अगर घर में बच्चे हैं तो 1 बूंद 3 बार, सुबह, दोपहर और रात के अंतराल पर दे सकते हैं ।
2. दूसरी दवा है PODOPHYLLUM 30 CH, यह डायरिया के लिए बहुत ही असरदार है, इसे आप 2 बून्द सुबह, दोपहर और रात के अंतराल में इस्तेमाल करें, इससे आपको बहुत अच्छे रिजल्ट मिलते हैं और लूज मोशन में आराम मिलता है।
3. डायरिया के होमियोपैथी में तीसरी दवा है VERATRUM ALBUM 30 CH, अगर डायरिया के साथ डीहाइड्रेशन हो और शरीर बहुत ज्यादा ठंडा महसूस हो तो यह दवा बहुत कारगर है, इसे भी आप 2 बून्द 3 बार, सुबह, दोपहर और रात के अंतराल पर इस्तेमाल कर सकते हैं, दोस्तों आप एक mother tincture भी इस्तेमाल कर सकते हैं, नाम है KURCHI Ø, इसे आप 10 बून्द आधे कप पानी में डालकर हर 1 घण्टे में पीना है, इसे आप पूरे 1 दिन पिएंगे तो डायरिया ठीक हो जाता है ।
कॉलरा से बचने के लिए आप ARSENIC ALBUM 30 CH, VERATRUM ALBUM 30 CH और CAMPHORA 30 CH का इस्तेमाल कर सकते हैं।
वयस्को के लिए, ARSENIC ALBUM 30 CH को आप 2 बून्द सुबह-सुबह पीजिए, और बच्चों को 1 बून्द सुबह-सुबह दें।
वयस्को के लिए, VERATRUM ALBUM 30 CH को आप 2 बून्द रात को ले सकते हैं और बच्चों को 1 बून्द रात को देना है ।
वयस्कों के लिए, CAMPHORA 30 CH को आप 2 बून्द दिन में 3-4 बार आप ले सकते हैं, बच्चो को भी आप 1 बून्द 3 बार दे सकते हैं, ध्यान रहे बच्चों को जब यह तीनों दवा खिला रहे हो तो 10-15 मिनट के अंतराल पर खिलाएं । इससे आपको कॉलरा में बहुत अच्छा लाभ मिलेगा, कोई साइड इफेक्ट्स नहीं है, इसलिए आराम से इसे आप पी सकते हैं ।
बरसात के दिन में होने वाली एक आम बीमारी है टाइफाइड, यह एक बेहद संक्रामक बीमारी है जो बारिश के मौसम के दौरान अक्सर हो जाती है, यह बीमारी दूषित भोजन और पानी में बैक्टीरिया फैलने के कारण आपको होता है । इसमें आपको लंबे समय तक बुखार, पेट में गंभीर दर्द, कब्ज और दस्त के साथ साथ सिरदर्द भी हो सकते हैं ।
सावधानियां: टायफाइड से बचने के लिए साफ-सुथरे भोजन और सुरक्षित पेयजल का इस्तेमाल करें। सब्जियों और फलों को कच्चा खाने से पहले साफ पानी से धोया जाना चाहिए, टाइफाइड एक बेहद संक्रमणीय बीमारी है इसलिए रोगी को हाथ की स्वच्छता का ध्यान रखना चाहिए ताकि यह परिवार के बाकी सदस्यों में फैल न सके।निर्जलीकरण को रोकने के लिए अधिक तरल पदार्थ लें। चूंकि इस बीमारी को ठीक होने दो सप्ताह तक का समय लग सकता है, इसलिए रोगी को सावधानी बरतनी चाहिए ।
इसके लिए होमियोपैथ में दवा है BAPTISIA TINC 200, इसे 2 बून्द सुबह-सुबह पीना है, सप्ताह में 1 बार, तो हर रविवार आप सुबह-सुबह इसे पी सकते हैं
अगर टाइफाइड हो गया है तो आप BAPTISIA TINC 30 CH को 2 बून्द दिन में 3 बार लेना है और साथ में आप इसका मदर टिंक्चर 20 बून्द आधे कप पानी में दिन में 4-5 बार पीना है
बरसात के दिनों में होने वाली एक बहुत ही आम बीमारी है वायरल बुखार, यह बीमारी अगर आप संक्रिमत व्यक्ति के पास है, या आप ऐसे क्षेत्र की यात्रा कर रहे हैं जहां उस क्षेत्र में सभी को यही बीमारी है या आप संक्रिमत जानवरों के पास है तो आपको यह बीमारी हो सकती है । जब संक्रिमत व्यक्ति खांसता है, छींकता है या आपके बास आकर बोलता है तो उस संक्रिमत व्यक्ति के मुँह से जो तरल पदार्थ निकलते है, बात करने के दौरान आपके शरीर में वो तरल पदार्थ प्रवेश करके आपको संक्रिमत कर सकते हैं, जब यह वायरस आपके शरीर मे प्रवेश करता है तो आपको बुखार हो जाता है।
वायरल बुखार के लक्षणों में शामिल हैं:-
बुखार, थकान, चक्कर आना, दुर्बलता, ठंड लगना, सरदर्द, मांसपेशियों, शरीर और संयुक्त दर्द, टॉन्सिल, नाक बंद होना, छाती में रक्त जमना, गले मे खराश, खांसी, दस्त, उल्टी व जी मिचलाना ।
वायरल बुखार से बचने के लिए INFLUENZINUM 200 को 2 बून्द सुबह-सुबह 1 बार पीना चाहिए, इसे शुरुआत में लगातार 3 दिन ऐसे ही पीना है, फिर जबतक आपके आसपास वायरल बुखार फैला हुआ है तो आप हर रविवार को इस दवा को 2 बून्द पिये, और इसके बहुत अच्छे परिणाम आपको नजर आएंगे, इसके कोई साइड इफेक्ट नहीं है।
इसके लिए आप मदर टिंक्चर में china, baptisia, echinacea और chirata इन चारों को बराबर मात्रा में मिलाइए और आधे कप पानी मे 20 बून्द डालकर, हर आधे घण्टे के अंतराल पर पीना है जबतक बुखार नहीं उतर जाता है, बुखार उतरने के बाद दिन में 3-4 बार इस्तेमाल करना है इससे 2-3 में वायरल बुखार ठीक हो जाएगा।
बरसात के दिनों में होने वाली एक और बीमारी है जिसका नाम है JAUNDICE, यह बीमारी अक्सर बाहर खाना खाने से होती है, साथ ही साथ घर में जो खाना खाते हैं वो साफ सुथरा होना चाहिये, उबाला हुआ होना चाहिये, अपने घर मे साफ सफाई पर ध्यान दें ताकि घर में बैक्टीरिया, मक्खियां आदि ना आये, क्योंकि इनसे डायरिया कॉलरा आदि फैलता है।
अगर आपको जॉन्डिस हो गया है तो Natrum Phosphoricum 12X, आप इस दवा को 6 गोली दिन में 4 बार ले सकते हैं, जॉन्डिस में Jondila syrup भी काफी असरदार है, इसे आप 1 ढक्कन दिन में 3-4 बार पीजिए, इन दोनों दवाओं को आप लगभग 1 महीना आप इस्तेमाल करिये, और आपको जॉन्डिस से छुटकारा मिल जाएगा।