आधुनिक दबाओं और तनावों तथा शारीरिक श्रम की कमी के कारण यह एक बहुत व्यापक रोग बनता जा रहा है। मानसिक उत्तेजना, बेचैनी, भय, आदि, लक्षणों के साथ नींद न आने की बीमारी हो जाती है। माथे में खून का दवाब ज्यादा हो जाता है। कारण का पता लगाकर इलाज करें।
एलोपैथी : कम्पोज, लारपोज, एटिवान, अल्जोलाम, लिब्राक्स, हाइनोटेक्स और अनेक दुसरे प्रशामक।
एलोपैथी के प्रभाव : इसमें संदेह नहीं कि इन औषधियों के दीर्घकालिक उपयोग से निम्नलिखित हानियां हो सकती हैं :
- औषध निर्माताओं के दावों के विपरीत इसके इस्तेमाल की आदत बन जाती है।
- कम्पोज और वेलियम के इस्तेमाल से अवसाद (डिप्रेशन) उत्पन्न हो जाता है। कुछ वर्षों के बाद इन रोगियों को अवसादरोधी लेना पड़ता है।
- प्रशांतक और उच्चरक्तचापरोधी औषधियां लेने वालों को अक्सर पार्किंसन रोग हो जाता है।
- एलोपैथिक औषधियों को लम्बे समय तक उपयोग करने से यकृतीय-विषाक्तता उत्पन्न हो जाती है।
अनिद्रा की होम्योपैथिक चिकित्सा बड़ी नपी-तुली है। कारण के अनुसार निम्न सारिणी में अनिद्रा की चिकित्सा के लिए होम्योपैथिक औषधियां दी गई है :
Homeopathic Remedies For Insomnia In Hindi
बेचैनी के साथ नींद न आये, खासकर कमजोर छोटे बच्चों या बुजुर्गों में जो चिन्ता करते हों या काम ज्यादा करते हों – पैसीफ्लोरा Q, 20-30 बूंद सोते समय
जब किसी खुशखबरी के कारण नींद न आये – कॉफिया 200, आवश्कतानुसार
जब डर, आतंक या किसी बुरी खबर के कारण नींद न आये – जल्सेमियम 30, दिन में 3 बार
मस्तिष्क में रक्त संचय के कारण नींद न आए – बेलाडोना 30, दिन में 3 बार
निराशा या दुःख, किसी निकट संबंधी की मौत के कारण नींद न आये – इग्नेशिया 200, या 1M, की 3 खुराक दें
जब लगातार विचारों के कारण मस्तिष्क आराम न पा सके और नींद न आये – नक्स वोमिका 30, दिन में 3 बार
जरा सी आवाज़ से नींद टूट जाये और फिर नींद न आये – सल्फर 30, दिन में 2 बार
खास कर बूढ़े व्यक्तियों में, जब दिन में तो नींद आये मगर रात में नहीं – फॉस्फोरस 30, दिन में 2 बार
चिंताओं के कारण नींद न आये – एम्ब्रा ग्रीसिया 30, दिन में 2-3 बार
स्नायविक कमजोरी आदि की वजह से, चिंता या उत्तेजना के कारण नींद न आये – काली फॉस 6x या 30 आवश्कतानुसार
नींद न आने की बायोकैमिक दवा – फेरम फॉस 30x