आज इस पोस्ट में हम समझेंगे कि होम्योपैथिक दवाओं का आपस में भी सम्बन्ध है, कई दवाएं एक दुसरे की पूरक होती है, एक दुसरे की कमी को पूरा करती है। इसे हम एक उदाहरण के रूप में समझेंगे, तो आइये समझते हैं।
एक सज्जन इलाज कराने आये जिन्हे घर की परेशानियों के कारण मानसिक खिन्नता, मन बेचैन रहता था, साथ ही सिर में दर्द होने लगता था। दर्द सिर के ऊपर टिका रहता था, और अगर चिंता का कोई कारण आ पड़े तो दर्द बढ़ जाता था।
होमियोपैथी में रोग का कारण जानना भी आवश्यक है क्यूँकि होमियोपैथी में शोक, भय, चिंता आदि मानसिक कारणों से उत्पन्न रोगों की भी दवाएं हैं। प्रसन्नता से नींद नहीं आती हो तो coffea cruda दिया जाता है, भय लगा रहता है तो aconite दिया जाता है। यह सोचकर की चिंताओं के कारण रोगी कष्ट भोग रहा है इसलिए उसे Ignatia 30 दे दी। परन्तु इससे उसे लाभ नहीं हुआ। कारण पता लगाने पर यह मालूम लगा कि यधपि चिंता से रोग बढ़ जाता था, तो भी चिंता उसके रोग का आधारभूत कारण नहीं था।
रोगी के साथ गहराई में बातचीत करने पर पता लगा कि वह ग्रीष्म प्रकृति का है, उसके हाथ पैर में पसीना आता रहता है। यह लक्षण sulphur के हैं। ये सारे लक्षण देख कर उसे sulphur 30 दिया गया और सभी लक्षणों में उसे लाभ होता दिखा।
परन्तु रोगी के लक्षणों में सुधार कुछ दूर जाकर रुक गया। तब प्रश्न उठा कि अब क्या किया जाये ? इस दिक्कत को दूर करने के लिए क्लिनिकल रिपर्टरी में एक भाग लिखा है – क्लिनिकल रिलेशनशिप, अर्थात किन दवाओं का आपस में सम्बन्ध है, ऐसा सम्बन्ध जिससे एक औषधि दूसरी औषधि की कमी को दूर कर सके। उदाहरण के लिए – अगर सूजन के लक्षणों में कुछ लक्षण Belladonna से शांत हो जाएं, और इसके आगे औषधि लाभ न करे, तो merc sol लाभ को आगे चला देता है। इसी प्रकार sulphur लाभ करता-करता रुक जाए तो Lycopodium से लाभ होने लगता है। रोगी का दर्द का लक्षण जो ठीक होने से रह गया था वह था – सिर के तालु में दर्द का बने रहना। Lycopodium में यह लक्षण भी मौजूद है। जब sulphur से उक्त लक्षण दूर न हुआ तब उसे उक्त लक्षणों की मौजूदगी के कारण Lycopodium दिया गया क्यूँ कि ये दोनों दवाएं एक दुसरे की compatible है। इस दवा को देते ही रोगी बहुत हद तक ठीक हो गया।
यह अवस्था भी कुछ महीनों बनी रही जब कि इन्फ्लुएंजा के आक्रमण से रोगी की पहले सी अवस्था हो गई और उसे वैसा ही दर्द रहने लगा। अब Lycopodium से भी लाभ न हुआ, बहुत ही थोड़ा लाभ हुआ।
ऐसी स्थिति में फिर से क्लिनिकल रिलेशनशिप का आश्रय लिया गया। Lycopodium की पूरक औषधि में Chelidonium का उल्लेख किया गया है जिसका अर्थ है कि ये दोनों औषधियां एक दुसरे की सहायक है, एक दुसरे की कमी को पूरा करती है। मैटेरिया मेडिका देखने से पता चल जायेगा कि इन दोनों औषधियों के कई क्षेत्र में गुण एक दुसरे से मिलते जुलते हैं। इस रोगी को Chelidonium देने से इसके सारे रोग गायब हो गए।
यह पोस्ट लिखने का तात्पर्य सिर्फ इतना था कि हमें होमियोपैथी में दवाओं की पूरक अर्थात compatible दवाओं के बारे में पता होनी चाहिए।