खुजली का कारण – यह एक संक्रामक चर्मरोग है। इसमें सबसे पहले छोटे-छोटे दाने, छाले या फुंसी हो जाती हैं।
खाज – विशेषकर कलाई के सामने और पीछे के भाग में, टखने, हाथ पाँव की अँगुलियों की गाइयों तथा बगल में होता है। यह एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति तक सम्पर्क द्वारा फैलता है। रोग से प्रभावित वस्तु तथा बिस्तर भी संक्रामक होते हैं।
खुजली – किसी भी एलर्जिक स्थिति में त्वचा पर लाल रंग के गोल-गोल चित्तेदार ददोरे हो जाते है। कभी-कभी कुछ चीजें खाने, छूने, श्वास के साथ, शरीर में पहुँचने या इन्जेक्शन आदि से एलर्जिक व्यक्तियों की त्वचा पर खुजली हो जाती है।
खुजली के लक्षण – इसमें ऐसी खुजली होती है कि व्यक्ति खुजाते-खुजाते परेशान हो जाता है। खुजली में जलन व लाल चकत्ते व ददोरे हो जाते हैं। खुजली ऐसी होती है कि खुजाते-खुजाते खून तक निकल आता है।
खुजली का इलाज घरेलू आयुर्वेदिक/जड़ी-बूटियों द्वारा
( home remedies to treat itching )
(1) त्वचा में जलन, खुजली व फुन्सियाँ हों, तो जीरे को गर्म पानी में पीसकर लगाने से बहुत लाभ होता है।
(2) चने के पौधे की जड़ को धोकर पीस लें। इस पीठी को सरसों के तेल में मिलाकर खूब मालिश करें। एक सप्ताह में ही त्वचा मुलायम हो जायेगी।
(3) सन्तरे के ताजे छिलके को पानी के साथ पीसकर खुजली वाले स्थान पर लगायें, फिर साबुन से हाथ धो लें। संतरे की फाँकी जीरा चबाते-चबाते चूसें। जब संतरों का रस सूख जाये जो बिना साबुन लगाये त्वचा को मल-मल के धो लें। नहाने के बाद तेल लगा लें। सन्तरा न हो तो नींबू का रस भी काम दे सकता है।
(4) त्वचा पर लाल चकत्ते पड़ गये हों और खुजली हो रही हो तो एक चम्मच नींबू के रस में एक चुटकी नौसादर मिलाकर उक्त स्थान पर मलने से आराम मिलेगा।
(5) नारियल के तेल में नींबू का रस मिलाकर लगाने से खुजली में आराम मिलेगा। यदि दाने भी हों तो उक्त मिश्रण को गर्म करके लगायें।
(6) पानी में नीम के पत्ते डालकर उबाले गए पानी से स्नान करने से चर्म रोग, फोड़े-फुन्सी, खाज-खुजली मिट जाती है।
(7) गर्म पानी में नींबू निचोड़कर स्नान करने से खुजली मिटती है।
(8) जौ के आटे और काले तिल को पीसकर मट्ठे के साथ खुजली पर लेप करें।
(9) त्वचा-रोगों, खाज खुजली आदि में पीपल की छाल का मरहम लगाने से तत्काल आराम मिलता है।
(10) शरीर के किसी हिस्से पर खाज-खुजली हो तो दही में मूंग दाल को पीसकर उस हिस्से पर लगायें।
(11) राई को गोमूत्र में पीसकर चिकनी मिट्टी में मिलाकर खाज-युक्त स्थाने पर लेप करना चाहिए। 1 घण्टे बाद स्नान करके नारियल के तेल में कपूर डालकर मालिश करें।
(12) पके केले का गूदा नींबू के रस में पीसकर मरहम के समान बनाकर खाज, खुजली, दाद तथा गंजेपन पर लेप करने से लाभ होता है।
(13) मेहँदी के पत्ते को छाया में सुखाए सुखाकर कूटकर कपड़छन किये हुए चूर्ण को भाँवरे के रस में शुद्ध की हुई गन्धक का कपड़छन चूर्ण मेहँदी के चूर्ण से आधा भाग लें। दोनों को मिलाकर दो-तीन घण्टे खरल से घोंटें, जिससे वे अच्छी तरह मिल जाएँ। तदुपरान्त इसे साफ शीशी में भर लें। दिन में 2-3 बार जल से 1-1 ग्राम सेवन करें। फोड़े-फुन्सियों, खुजली आदि को दूर करने हेतु यह एक परीक्षित योग है।
(14) अमर बेल, कमल गट्टे की मींगी, पंवाड़ के पत्ते या बीज – ये तीनों समभाग वजन में लेकर छाछ (मट्ठा) के साथ पीसकर लेप तैयार कर लें। इस लेप को स्नान से पहले शरीर पर साबुन की जगह लगाकर थोड़ा सुखाएँ और स्नान करके धुले हुए साफ कपड़े पहनें। इसके प्रयोग से फोड़े-फुन्सी, खुजली आदि चर्म रोग नष्ट हो जाते है। यह प्रयोग बहुत लाभप्रद है।
(15) सूखी खुजली में केले के पत्ते की राख नींबू के रस में मिलाकर मलें।
(16) आक के सूखे पत्ते कड़वे तेल में भूनकर जला दीजिये। इस तेल को छान लें और इसमें पाँच टिकिया कपूर की घोल लीजिये। इस तेल को लगाने से खाज-खुजली मिट जायेगी ।
(17) ताजे नारियल और टमाटर का रस मिलाकर मालिश करने से खुजली मिट जाती है।
(18) तिल के तेल को थोड़ा गरम करके रोज मालिश करने से कुछ ही दिनों में खुजली मिट जाती है।
(19) यदि स्किन ड्राई होने के कारण खुजली हो रही हो तो पूरे शरीर पर मलाईदार दही की मालिश करें और बाद में मल-मल कर स्नान करें।
(20) करेले की जुड़ को पीसकर खुजली पर लेप करने से लाभ होता है।
(21) नींबू का रस और चमेली का तेल समान मात्रा में लेकर मिक्स करके उससे मालिश करें।
(22) संतरे के छिलकों को सिल पर पानी के साथ पिसकर शरीर पर मलने से चाहे कितनी ही पुरानी खुजली हो 5-6 दिन में दूर हो जाएगी।
(23) काली मिर्च और गंधक को बारीक पीसकर घी में अच्छी तरह खरल करके शरीर पर लगाएं और धूप का सेवन करें। खुजली में फौरन आराम मिलेगा।
(24) अदरक पीसकर आटे में मिलाकर पराठें बना लें और छाछ के साथ खाएं। एक हफ्ते में खुजली ठीक हो जाएगी।
(25) अरहर की दाल को दही के साथ पीसकर लगाएं। 2-3 दिनों में खुजली से छुटकारा मिलेगा।
(26) चमेली का तेल लगाने से भी आराम मिलता हैं।
(27) नींबू को काटकर उसमें सेंधा नमक भरकर सुखा लीजिए। सूख जाने पर उसका चूर्ण बनाकर सुबह-शाम सेवन करने से खुजली में आराम मिलता हैं।
(28) नींबू के रस में सरसों और हल्दी पीसकर उबटन लगाने से खुजली दूर होती है।
(29) 100 ग्राम चिरोंजी लेकर बारीक पीस लीजिए। इसमें पन्द्रह ग्राम कच्चा सुहागा मिलायें और पीसकर एकसार कर लें। इस चूर्ण को गुलाबजल डालकर साफ खरल में रगड़ लें। खुजली वाले स्थानों पर दिन में चार बार लगाने से गीली खुजली दूर होती है।
(30) सरसों के तेल में लाल मिर्च और खुरासानी अजवायन पकाकर लगायें, इससे खुजली में जल्द फायदा होगा।
(31) यदि खुजली अथवा एक्जीमा की वजह से उंगलियों में सूजन आ गई हो तो गेहूं का चोकर और नमक पानी में औटाकर उस पानी से उंगलियों को धोयें। इससे शीघ्र आराम मिलेगा।
(32) कुटकी, बच्छ तथा आमाहल्दी और पीला गंधक इन सबको बराबर मात्रा में लेकर, कूट-पीसकर मिला लें और उसे सरसों के तेल में इतना गर्म करें कि उबाल आ जाय। बाद में उस तेल को खुजली पर लगायें। इससे खुजली जड़ से जाती रहेगी।
(33) दूध में पानी मिलाकर सारे शरीर पर रुई के फाहों द्वारा मलें। थोड़ी देर बाद स्नान कर लें।