चेहरे पर उभरने वाले मुंहासे एवं झाइयों का प्रमुख कारण है – वसा का अधिक प्रयोग, मल-मूत्र को रोकना, अधिक व्यायाम करना, धूप में अधिक समय तक घूमना आदि। ऐसे में चेहरे पर मुंहासे या झाइयां उत्पन्न हो जाती हैं, जो चेहरे को भद्दा बना देती हैं।
कील मुंहासे का इलाज ( muhase ka ilaj in hindi )
अजवायन – 30 ग्राम अजवायन को 25 ग्राम दही में पीसकर रात को कील-मुंहासों पर लगाएं। सुबह गरम पानी से चेहरा धोएं। मुंहासे मिट जाएंगे। ।
तुलसी – तुलसी के पत्तों का रस और नीबू का रस-दोनों को समान मात्रा में मिलाकर लगाने से झाई, काले धब्बे या मुंहासे निकलना बन्द हो जाते हैं।
जायफल – चेहरे पर काले धब्बे या मुंहासे होने पर जायफल को दूध में घिसकर लेप करें। इससे चेहरे पर निखार भी आता है।
जीरा – जीरे को उबालकर उस पानी से चेहरा धोने पर झाई, धब्बे आदि दूर होकर मुख-सौन्दर्य बढ़ जाता है।
नारंगी – नारंगी के सूखे छिलके पानी में पीसकर चेहरे पर मलने से झाइयां तथा मुंहासे दूर हो जाते हैं।
दूध – गरम दूध पर जमने वाली एक चम्मच मलाई पर नीबू निचोड़कर चेहरे पर मलने से कील-मुंहासे मिट जाते हैं।
नीबू – नीबू के रस को चार गुना ग्लिसरीन में मिलाकर चेहरे पर रगड़ने से मुंहासे मिट जाते हैं। सारे शरीर पर रगड़ने से त्वचा कोमल-चिकनी हो जाती है।
मसूर – मसूर की दाल को इतने पानी में भिगोएं कि वह उस पानी को सोख ले। फिर उसे पीसकर दूध में मिलाकर सुबह-शाम दो बार चेहरे पर लगाएं। इससे धब्बे एवं मुंहासे दूर हो जाते हैं।
कालीमिर्च – जायफल और कालीमिर्च-दोनों को कच्चे दूध में पीसकर रात को सोते समय चेहरे पर लगाएं। इससे मुंहासे और झाइयां आदि समाप्त होकर चेहरा सौन्दर्यमय हो जाता है।
पपीता – अधिक पके पपीते के गूदे को मथकर उबटन की तरह चेहरे पर मलें। जब वो सुख जाये, तो चेहरे को धोकर तौलिये से पोंछकर तिल का तेल लगा लें। ऐसा लगभग एक सप्ताह तक करने से ही चेहरे की झुर्रियां, झाइयां, कालिमा तथा मैल समाप्त हो जायेगा।
हरा मटर – कुछ दिनों तक चेहरे पर मटर के आटे का उबटन मलते रहने से झाईं और मुंहासे हमेशा के लिए समाप्त हो जाते हैं।
चावल – सफेद चावलों को शुद्ध ताजे पानी में भिगोकर उस पानी से मुख धोते रहने से झाईं तथा धब्बे साफ़ हो जाते हैं।
ज्वार – ज्वार के कच्चे दाने पीसकर उसमें थोड़ा सा कत्था एवं चूना मिलाकर लगाने से चेहरे पर निकलने वाले कील-मुंहासे ठीक हो जाते हैं।
तिल – तिल की खली को जलाकर उसकी राख में गोमूत्र मिला दें। उसका लेप करने से कुछ ही दिनों में कील-मुहांसे ठीक हो जाते हैं।
नारियल का पानी – चेहरे के धब्बे, कील-मुंहासे एवं चेचक के दाग मिटाने के लिए प्रतिदिन दो बार नारियल का पानी लगाएं।
चिरौंजी – चिरौंजी और नारियल – दोनों के छिलके दूध के साथ पीसकर चेहरे पर लेप करें। सूखने पर खूब मसलें और थोड़ी देर बाद लेप धो डालें। लाभ न होने तक यह प्रयोग करते रहें। कील-मुंहासें आदि दूर होकर चेहरा सुन्दर एवं कान्तियुक्त हो जायेगा।
घी – रात को सोते समय चेहरे पर घी मलने से चेहरे के धब्बे, झाई, चकत्ते आदि साफ़ हो जाते हैं।
शहद – शहद, बेसन और नीबू का रस – तीनों को तिल के तेल में मिलाकर उबटन लगाने से झाईं तथा मुहाँसें के धब्बे दूर होकर त्वचा में निखार आ जाता है।
मक्खन – रात्रि को मक्खन में मसूर की दाल पीसकर मुख पर लगाकर सो जाएँ। सुबह उठकर मुंह साफ़ कर लें। इससे कील-मुंहासे एवं झाईं आदि दूर होते हैं। मुख की सुंदरता में निखार आ जाता है।
कील-मुहांसे की चिकित्सा करने हेतु निम्नलिखित आहार लें –
प्रात:काल 5.30 बजे | एक गिलास संतरे का रस पिएं। |
प्रात:काल 7.30 बजे | ताजे फल (सेब, अंगूर, पपीता, अनन्नास या अन्य मौसमी फल) तथा एक गिलास दूध लें। |
प्रात:काल 9.30 बजे | एक गिलास गाजर का रस पिएं। |
प्रात:काल 11.30 बजे | एक बड़ी कटोरी उबली हुई सब्ज़ी, अंकुरित अनाज, गेहूं के आटे की दो रोटी, एक कटोरी दही तथा सब्जियों का सलाद लें। |
दोपहर 2.30 बजे | एक गिलास मट्ठा पिएं। |
सायंकाल 4.30 बजे | ताजे फल और एक गिलास फलों का रस लें। |
सायंकाल 6.30 बजे | एक गिलास गाजर का रस पिएं। |
सायंकाल 7.30 बजे | एक कटोरी उबली सब्जी, दो रोटी, अंकुरित अनाज तथा फलों का सलाद खाएं। |
विशेष – इस रोग की चिकित्सा के लिए विटामिन ‘ए’ तथा ‘ई’ आवश्यक है। ये स्वाभाविक रूप से अंकुरित अनाज, गाजर, हरी सब्जियों तथा ताजे फलों में बहुतायत में पाए जाते हैं।