[ एक प्रकार के छोटे पौधे के फूल से मूल अर्क तैयार किया जाता है ] – शरीर में किसी जगह रक्त-संचय ( congestion ) होकर रक्तस्राव होने पर ही उसका उपशम होना – इस दवा का प्रधान चरित्रगत लक्षण है। इसके द्वारा शरीर के समस्त यन्त्रों में रक्त की अधिकता हो जाती है, रक्तस्राव के पहले चेहरा लाल सा हो जाता है।
माथे पर टपक का दर्द, इसकी प्रधान दवाएँ हैं – बेलाडोना, मेलिलोटस, नैट्रम म्यूर इत्यादि। यदि माथे का उक्त प्रकार का दर्द नाक से खून गिरने पर या ऋतुस्राव होने पर घट जाए और सिर बहुत भारी मालूम हो, आँख न खोल सके तो मेलिलोटस ही इसकी प्रधान दवा है। रक्तस्राव के साथ कोई सम्बन्ध न रहने पर भी उक्त लक्षण में फायदा होगा, इसके अलावा आँखों के चारों तरफ न्यूरेल्जिया, सिर के दाहिनी ओर का व गर्दन का दर्द, सिर को छूने पर भी दर्द और नासा ज्वर व नासा रोग की एक उत्तम औषधि है, इसके सेवन करने से नासा फूटने की प्रायः आवश्यकता ही नहीं होती। मेलिलोटस एल्बा – नासा ज्वर और नासा रोग की एक उत्तम दवा है।
क्रम – Q से 30 शक्ति।