हिंदी नाम – बिट लवण या काला नमक है। यह नमक प्लीहा, यकृत की एक उत्तम औषधि है। प्लीहा या यकृत खूब बढ़ जाने पर – गुरुच व काला नमक गो-मूत्र के साथ पीस गरम कर प्रलेप लगा नित्य बाँध रखने से प्लीहा, यकृत क्रमशः नरम और छोटे हो जाते हैं।
मलेरिया या सविराम ज्वर में जहाँ नैट्रम म्यूर का पूरा लक्षण रहने पर भी फायदा नहीं होता, वहाँ नैट्रम म्यूर-बिट से बहुत बार फायदा होता है। इसका ज्वर अधिकांशतः सवेरे के समय, विशेषकर 10-11 बजे आता है। शीतावस्था के पहले प्यास व यन्त्रणा अत्यधिक बढ़ जाती है, कै होती है, यह दशा बहुत देर तक बनी रहती है ; पसीनेवाली दशा में भी – काफी प्यास रहती है, पसीना होने पर अन्य उपसर्ग सब घटते हैं; सिर-दर्द आंशिक रूप में घटता है, रोगी नमकीन तथा तीखा चीज खाना चाहता है। ज्वर छूटने पर भी प्लीहा या यकृत में दर्द रहता है, आलसपन व दुर्बलता बढ़ती है, ऊपरी ओठ में ज्वर के दाने दिखाई पड़ते हैं।
क्रम – 6, 30 शक्ति।