पेट मे भयानक दर्द के साथ पेट कड़ा हो उठता है। मूत्र नली में जलन व कटने-फटने की तरह दर्द, मलद्वार में प्रबल वेग; किन्तु पाखाना अथवा पेशाब कुछ भी नहीं होता, हृत्पिण्ड के स्थान पर दबाए रखने की तरह दर्द व कै।
निम्नलिखित लक्षण के आधार पर ओनिस्कस असेल्लस-मिल्लिपेडेस का उपयोग करना चाहिए :-
सिर – नाक के जड़ में दबाव महसूस होना, दाहिने कान के पीछे छेदने जैसा दर्द, धमनियों में तीव्र कम्पन जैसे लक्षण में ओनिस्कस असेल्लस-मिल्लिपेडेस इससे लाभ होता है।
पेट – पेट के फूल जाने के साथ जोर का दर्द होने पर ओनिस्कस असेल्लस-मिल्लिपेडेस से फायदा होता है।
पेशाब – पेशाब के रास्ते में जोर से जलन और काटने – फटने जैसा दर्द होना, तेज मल का वेग आना परन्तु पाखाना और पेशाब का न निकलना।
सम्बन्ध – इस दवा की तुलना पोथोस फीटिडा, कैन्थे. से की जाती है।
मात्रा – 6 शक्ति ।