इस दवा का हिंदी नाम – पपीता है। पपीता के दूध से यह दवा तैयार होती है। आहार के बाद केरिका पपाया Q की 5-10 बून्द की मात्रा में सेवन करने से पाचन क्रिया में सहायता करता है व दुर्बलता दूर होती है। भूख न लगना, पेट भरा रहना, हाथ-पैर सूखे, चेहरा रक्तहीन, शरीर कंकाल जैसा दिखने लगना, प्लीहा यकृत बहुत बढे, पेट फूला व खूब बड़ा, पेट के ऊपर मोटी शिराएं फैली हुई, पेट के बल या किसी करवट हो न सकने के कारण चित्त ही सोए रहना, अनपच का मल, स्राव रक्त की तरह लाल रंग का, परिमाण में बहुत थोड़ा, आँख पीले रंग की, धँसी हुई, प्यास थोड़ी, दूध नहीं सहाता ( शिशुओं को दूध नहीं सहाने पर इससे फायदा होगा ), दूध पीने से ही पेट दर्द, स्नान करने की इच्छा न करना, भुनी या तली चीज खाने की बड़ी इच्छा इत्यादि लक्षणों में केरिका पपाया से तुरंत लाभ मिल जाता है। पहले इसकी 1x विचूर्ण शक्ति से आरम्भ कर 2x, 3x विचूर्ण 2-3 ग्रेन की मात्रा में दिन भर में 3-4 बार व फायदा होने पर क्रमशः मात्रा घटाकर उपयोग करना चाहिए।
क्रम – Q, 1x, 2x, 30 शक्ति।