कभी-कभी कन्धा एवं बाँह के जोड़ के स्थान पर असहनीय दर्द होता है जिसके कारण हाथ को ऊपर उठाना, पीठ के पीछे हाथ ले जाकर साबुन लगाना आदि मुस्किल हो जाता है।कन्धा एवं बाँह के जोड़ के स्थान हड्डी बढ़ जाने, कार्टिलेज (Cartilage) के कड़ा तथा मोटा होने तथा लचीलापन घट जाने के कारण बाँह का मोड़ पाना मुस्किल हो जाता है। हाथ मोड़ने तथा ऊपर उठाने पर काफी दर्द होता है। एलोपैथिक चिकित्सा पद्धति में इस रोग के लिये मात्र फिजियोथेरेपी की ही सलाह दी जाती है।
होमियोपैथी समः समं समयति के पद्धिति पर आधारित है। इस दृष्टिकोण से इसका उपयोग रोगी के शारीरिक और मानसिक लक्षण के समानता के आधार पर किया जाता है। रोगी के ‘कंधे में दर्द’ के साथ मानसिक लक्षण देख कर के ही दवा का चुनाव किया जाता है। रोगी द्वारा अनुभव किए जा रहे सभी संकेतों और लक्षणों को ध्यान में रखकर उसे पूर्ण स्वास्थ्य की स्थिति में लौटने का होमियोपैथी ही एकमात्र तरीका है जो ‘कंधे में दर्द’ का इलाज जड़ से करता है। होम्योपैथी का लक्ष्य घुटने के दर्द के अंतर्निहित कारण और लक्षणों का इलाज करना है। रोगी का constitutional दवा पता करने के लिए, उसके सभी मानसिक और शारीरिक लक्षण पर धयान देना आवश्यक है, ऐसे में रोगी को व्यक्तिगत रूप से किसी अच्छे होम्योपैथिक डॉक्टर से परामर्श लेना चाहिए।
कंधे का दर्द एक गंभीर चिकित्सीय स्थिति है जिसमें मांसपेशियां, हड्डियां, टेंडन, तंत्रिकाएं और स्नायुबंधन शामिल होते हैं। कंधे का जोड़ हमारे शरीर के सबसे नाजुक जोड़ों में से एक है और बाहरी प्रभावों के प्रति बहुत संवेदनशील है।
यह आपके ह्यूमरस, स्कैपुला और क्लैविकल के बीच जोड़ के कारण बनता है। आपके कंधे का दर्द अन्य भागों तक फैल सकता है, जैसे आपकी बांह, उंगलियां, और आपके अन्य हिस्सों से भी आ सकता है।
यदि आप अपने कंधे की मांसपेशियों में दर्द का अनुभव कर रहे हैं, तो आपको एक अच्छे होम्योपैथी डॉक्टर से मिलना चाहिए। हम अपने रोगियों के बीच सबसे प्रसिद्ध होम्योपैथी उपचार प्रदाता के रूप में जाने जाते हैं।
कंधे में दर्द होने के कारण
कंधे की अव्यवस्था: स्कैपुला और ह्यूमरस हड्डी के बीच अव्यवस्था होने पर आप कंधे के दर्द से पीड़ित हो सकते हैं।
फ्रोजन शोल्डर: कई मामलों में, आपको कंधे की सीमित गति का अनुभव हो सकता है। हम इस स्थिति को फ्रोजन शोल्डर कहते हैं।
गठिया: गठिया आपके कंधे के दर्द का एक और कारण हो सकता है। इसमें ऑस्टियोआर्थराइटिस या रुमेटीइड गठिया दोनों शामिल हैं।
कंधे का फ्रैक्चर: हड्डी के फ्रैक्चर के कारण आपको कंधे में गंभीर दर्द का अनुभव हो सकता है। यह अचानक चोट या आघात के परिणामस्वरूप हो सकता है।
कंधे का अलग होना: यह आपके ए-सी जोड़ के अलग होने के परिणामस्वरूप हो सकता है
लिग या टेंडन टियर: यह किसी चोट के कारण कंधे में अत्यधिक दर्द का कारण भी हो सकता है।
कार्सिनोमा: ह्यूमरस के ऊपरी सिरे का कार्सिनोमा भी कंधे में गंभीर दर्द का कारण बन सकता है।
मोच या अधिक खिंचाव: यह आपके कंधे में दर्द का एक बहुत आम कारण है।
कंधे में दर्द के लक्षण
- कठोरता
- कोमलता
- सूजन
- कंधा हिलाने में असमर्थ
- गंभीर दर्द
होम्योपैथी उपचार आपके कंधे के दर्द के इलाज में कैसे मदद करता है?
Homeopathic Medicine For Shoulder Pain In Hindi
होम्योपैथी में उपचार के लिए सबसे व्यापक रूप से स्वीकृत समग्र प्रणालियाँ हैं। यथार्थवादी दृष्टिकोण का उपयोग करते हुए उपचारों का चयन वैयक्तिकरण और स्वास्थ्य स्थितियों की समानता पर आधारित है।
यह आपकी पीड़ा के सभी लक्षणों को दूर करके पूर्ण स्वास्थ्य बहाल करने का एकमात्र तरीका है। होम्योपैथी उपचार का उद्देश्य आपके कंधे में दर्द को कम करना और अंतर्निहित कारण का इलाज करना और आपकी प्रतिरक्षा स्थिति में सुधार करना है।
आपके कंधे के दर्द के प्रबंधन के लिए कई अत्यधिक प्रभावी होम्योपैथिक दवाएं उपलब्ध हैं, जिन्हें हम दर्द के कारण, स्थान, तीव्रता, मोड और सीमा के अनुसार प्रदान कर सकते हैं।
तो, आपको केवल हैदराबाद के सर्वश्रेष्ठ होम्योपैथी डॉक्टर के साथ अपॉइंटमेंट बुक करना होगा। हमारे डॉक्टर आपके कंधे के दर्द के इलाज के लिए आपको व्यक्तिगत देखभाल और विभिन्न प्रकार के होम्योपैथिक उपचार प्रदान करेंगे।
Kandhe me Dard ka Homeopathic Dawa
फिजियोथेरेपी के साथ-साथ यदि होम्योपैथिक इलाज किया जाये तो इस बिमारी को ठीक करना सम्भव है । इस बिमारी में बाँह में झिनझिनी, दर्द, फड़क्कन तथा झटका देना, बेचैनी आदि लक्छण उपस्थित रहते हैं । कालांतर में लकवा मारने का भय बना रहता है । यदि यह बिमारी दायें बाँह में हो तो एसिड फ्लोर (Acid Floor) 30 के प्रयोग से पूर्णतः ठीक हो जाता है। यह अति बिश्वस्निये तथा परिक्छित दवा है |
चेलिडोनियम 30– इस दवा की क्रिया शरीर के दाहिने भाग पर विशेष रूप से होती है । दाहिनी ऑख, दाहिनी स्कन्धास्थि के निम्न कोण, छाती के दाहिनी ओर, दाहिने कन्धे, दाहिनी जाँघ में इसका दर्द हो सकता है । दाहिना पाँव बर्फ की भाँति ठंडा रहता है और बॉया पैर ज्यों का त्यों सामान्य रहता है । कान का दाँया भाग तथा दाहिनी कलाई इसके विशेष क्षेत्र हैं जहाँ दर्द बराबर बना रहता है | पीठ के बॉये भाग के निम्न भीतरी कोण से यदि दर्द छाती तक फैल जाये तो चेनोपोडि ग्लौसि एफिस 6, 30 को भी याद रखिये ।
लाइकोपोडियम 200, 1M- यह भी दाहिने पाश्र्व के दर्द की दवा है परन्तु फर्क यह है कि इसमें दर्द के साथ पेट फूलना, गैस बनना जैसे लक्षण भी संयुक्त रहते हैं ।
फैरम फॉस 30, 12x – यह दवा बाएं कंधे के दर्द के लिये यह सर्वश्रेष्ठ दवा मानी जाती है । वैसे यह सब तरह के ज्वरों, प्रदाहों की पहली अवस्था में व्यवहार की जाने वाली बहुत अच्छी दवा है । प्रदाह में रक्तसंचय होना शुरू होने पर इससे लाभ नहीं होगा ।
लैकेसिस 30, 200 – यह दवा भी बॉयी ओर से प्रारम्भ होने वाले प्रत्येक दर्द में फायदेमन्द है तथा रोग का आक्रमण बाँयी ओर से शुरू होकर रोग दाहिने पाश्र्व की ओर फैल भी सकता है। इसका रोगी दर्द के कारण रोगग्रस्त स्थान को छूने नहीं देता । सन्देही स्वभाव वाले व्यक्तियों पर यह अच्छा काम करती है।
कैल्मिया 30 – इसका दर्द भी प्रायः बॉये कन्धे से शुरू होकर नीचे की ओर उतरता है और एक जगह आकर स्थायी हो जाता है ।
बेलाडोना 30 – अगर आपको बर्साइटिस है जिसमें गर्मी और कंपकंपी महसूस होती है, साथ ही तेज दर्द होता है तो आप बेलाडोना ले सकते हैं। कभी-कभी वह क्षेत्र लाल हो जाता है और सूजन आ जाती है।
अर्निका मोंटाना 30 – यह दवा तब फायदेमंद होता है जब बर्साइटिस गंभीर आघात या परेशानी से जुड़ा हो। प्रभावित क्षेत्र लाल और दर्दनाक प्रतीत होता है। यदि आपके पास ये लक्षण हैं, तो आप दर्द वाले क्षेत्र पर किसी भी स्पर्श से बचने की कोशिश कर सकते हैं।
रस टॉक्स 30 – यह होम्योपैथिक दवा जोड़ों के दर्द के इलाज में अद्भुत काम करती है। यह दवा तीव्र और पुरानी दोनों मांसपेशियों के दर्द से राहत दिलाती है। यदि आपके जोड़ों में कोई अकड़न है और बहुत अधिक असुविधा है तो हम इस दवा का उपयोग करते हैं। यह होम्योपैथिक दवा संधिशोथ से लेकर अत्यधिक उपयोग से होने वाली चोटों से होने वाले जोड़ों के दर्द की एक विस्तृत श्रृंखला को अच्छा करता है।
ब्रायोनिया 30 – जब बर्साइटिस या कंधे के दर्द में फटने जैसा एहसास होता है, तो यह दवा एक अच्छा विकल्प है। आप महसूस कर सकते हैं कि क्षेत्र में सूजन है। हिलने डुलने में दर्द का बढ़ना और आराम करने से अच्छा महसूस होना इस दवा का लक्षण है।