बाईं ओर के सिर व मुख में दर्द, ऐसा मालूम पड़ना मानो ब्रह्माण्ड की बाईं ओर कोई कील ठोंक रहा है। दृष्टि के सामने अंधेरा, आँखों के सामने जैसे काली-काली बिन्दु, पलकों का लाल रंग का होना, आँखों में मानो चर्बी पुती हुई है ऐसा अनुभव होता है। मुख में तीता स्वाद व मुख लार से भरा, जैसे लसदार, हर समय ही भूख लगी रहना, पाकस्थली के चारों तरफ दर्द, कभी पाकस्थली में कभी गले व पीठ की रीढ़ में दर्द। निरंतर पाखाने की हाजत किन्तु पाखाना नहीं होता। मासिक बहुत देर से होता है, रंग काला व अधिक परिमाण में स्त्राव होता है। दूध की तरह श्वेत-प्रदर, स्तनों की घुण्डी में दर्द – जैसे मानो भीतर घाव हुआ हो, कामाद्रि में (in mons veneris) कोंचने-धँसने की तरह दर्द, मेरुदण्ड का दर्द पुट्ठे में कौड़ी होने के स्थान तक जाता है, सारी गांठों में इलेक्ट्रिक-शॉक की तरह दर्द मालूम होता है।
पैराफिनम का उपयोग निम्न लक्षणों को देखते हुए करना चाहिए :-
सिर – सिर के बाएं तरफ डंक और ऐंठन वाला दर्द ज्यादा होता है, ऐसा महसूस होता जैसे कोई कील ठोक रहा है। बाएं कान में भी ऐंठन होती है।
आँख – आँख के आगे काले धब्बे दिखाई देते हैं, आँखों के आगे धुँधलापन रहता है। ऐसा लगता है जैसे आँख के आगे चर्बी जमी है।
मुंह – निचले जबड़े में ऐंठन वाला दर्द, मुंह में लार भरा रहना, स्वाद कड़वा होना।
आमाशय – हमेशा भूख लगे रहना, दर्द होना, डकार के साथ छाती में दर्द होना, आमाशय के बाईं तरफ ऐंठन वाला दर्द।
पेट – पेट के निचले भाग में दर्द जोकि जननेन्द्रिय तक जाता है, बैठने से दर्द कम होता है।
मलाशय – बार-बार मल त्याग की इच्छा रहना परन्तु मल निकलता नहीं है। बच्चो के कठोर कब्ज में लाभदायक है।
स्त्री – मासिक देर से होना, स्राव बहुत अधिक मात्रा में और उसका रंग काला होता है। स्तन-घुंडी में दर्द और जलन होना, योनि द्वार में दर्द और साथ में गरम पेशाब होना।
अंग – सभी जोड़ों में बिजली के झटके लगते हैं, पैर और पिण्डलियों में ऐंठन वाली दर्द और सूजन। ऊपर चढ़ते समय रीढ़ की हड्डी में दर्द जोकि कमर तक जाता है।
मात्रा – निम्न से 30 शक्ति।