इस रोग का आक्रमण एकाएक होता है। इस रोग में शरीर का आधा भाग बेकार हो जाता है । जैसे – सिर से पैर तक एक तरफ का भाग रोगी अपनी इच्छा से नहीं हिला सकता है । वातरोग का यह महारोग रोगी को बिस्तर पर पटक देता है ।
वयस्कों की भांति बच्चों में भी इस रोग का आक्रमण एकाएक हो जाया करता है । ज्वर के साथ आक्षेप के झटके आते हैं। सूखी खाँसी, मिचली, वमन, पीठ में दर्द, सिर में दर्द, कण्ठ में वेदना, समूचे शरीर में दर्द और थकावट, बेचैनी एवं कष्ट से बच्चा रोता रहता है । इस रोग की तीन अवस्थाएँ होती हैं:-
1. प्राक अवस्था (Pre Paralytic Stage) – प्रथमावस्था में उग्र रूप में ज्वर 103 से 104 डिग्री फारेनहाइट तक 3-4 दिनों तक । तीव्र सिरदर्द और पीठ में दर्द, मन्यास्तम्भ तथा यदा-कदा मूत्रग्रह भी होता है । बच्चा शीघ्र ही अचेतन हो जाता है, माँसपेशियाँ शिथिल पड़ जाती हैं और सिर पीछे की ओर लटक जाता है ।
2. अंगघात की अवस्था (Paralytic stage) – द्वितीयावस्था में हाथ-पैर तथा समूचा शरीर हिलने-डुलने में असमर्थ रहता है। बच्चा बिछावन पर निष्क्रिय पड़ा रहता है।
3. मस्तिष्क में विकृति की अवस्था – तृतीयावस्था में मस्तिष्क की क्रिया मन्द और अनियमित हो जाती है ।
यहाँ पक्षाघात का अंग्रेजी दवा बताया जा रहा है।
बेन्जाइल पेनिसिलिन 10 लाख (एलेमिबक) अथवा अन्य कम्पनियां – डि. वाटर में घोलकर 2 बार मांस में इन्जेक्शन लगायें ।
न्यूरोवियोन (ई. मर्क) – 1 एम्पूल (3 मि.ली.) रोजाना मांस या शिरा में लगायें।
नोट – यही इन्जेक्शन ल्यूपिन कम्पनी, आप्टीन्यूरान, डोल्फिन कम्पनी, न्यूरोफिन तथा बी. इवान्स कम्पनी विथाडाक्सीन 12 के नाम से बनाती है ।
कम्पलामिना (जर्मन रेमेडीज) – 1 एम्पूल 2 या 3 बार मांसपेशी या शिरा में लगायें।
टेरामायसिन (फाईजर कंपनी) – 250 से 500 मि.ग्रा. मांसपेशी में नित्य लगायें ।
न्यूरोट्रेट कैपसूल (जर्मन रेमेडीज) – 1 कैपसूल दिन में 2-3 बार सेवन करायें।
टेरामायसिन कैपसूल (फाईजर कंपनी) – 1 कैपसूल दिन में 4 बार ।
कम्पलामिना टैबलेट (जर्मन रेमेडीज) – 1 टेबलेट दिन में 3 या 4 बार खिलायें।
ट्रि-रेडिसाल एच- (एम. एस. डी. कंपनी) – बच्चों को 500 माइक्रोग्राम शक्तिवाला 1/4 से 1/2 मि.लि. का नितम्ब के गहरे मांस में 1-2 बार प्रतिदिन इन्जेक्शन लगायें। इसी का ड्राप्स 0.6 मि.ली. (10 बूंद) बच्चों को दिन में 1 बार पिलायें ।
वाई मैग्ना ड्राप्स (सायनेमिड कंपनी) – बच्चों को 0.3 से 0.6 मि.ली. (5 से 10 बूंद) प्रतिदिन आवश्यकतानुसार 1-2 बार पिलायें ।
पैरालायटोल लिनिमेंट – इसे रीढ़, हाथ-पाँव, तथा समस्त शरीर पर दिन में 2-3 बार लगाकर दृढ़ हाथों से मालिश करें ।